पांच जनवरी को बांग्लादेश से लौटेंगे काकद्वीप के 95 मछुआरे

कोलकाता/ढाका, 03 जनवरी (हि.स.)। नए साल की शुरुआत के साथ ही पश्चिम बंगाल के मछुआरों के लिए अच्छी खबर आई है। बांग्लादेश में तीन महीने से अधिक समय से हिरासत में रखे गए काकद्वीप के 95 भारतीय मछुआरों को पांच जनवरी को रिहा किया जाएगा। इसी के साथ भारत में पकड़े गए 90 बांग्लादेशी मछुआरों को भी उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के सलाहकार एम तौहीद हुसैन ने ढाका में एक कार्यक्रम के दौरान इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच बंदी विनिमय प्रक्रिया के तहत पांच जनवरी को बंगाल की खाड़ी में अंतरराष्ट्रीय जलसीमा पर मछुआरों का आदान-प्रदान किया जाएगा।

कैसे पकड़े गए थे भारतीय और बांग्लादेशी मछुआरे ?जानकारी के मुताबिक सितंबर और अक्टूबर में भारत के छह ट्रॉलर गलती से बांग्लादेश की जलसीमा में घुस गए थे, जिसके बाद 95 भारतीय मछुआरों को पकड़ा गया था। उन्हें पटुयाखाली और बागेरहाट की जेलों में रखा गया था।

दूसरी ओर नौ दिसंबर को बांग्लादेश के दो फिशिंग ट्रॉलर 'एमवी मेघना' और 'एमवी लैला' भारतीय जलसीमा में घुस गए थे, जिनमें 78 मछुआरे सवार थे। इसके अलावा, बंगाल की खाड़ी में आए तूफान के कारण डूबे एक बांग्लादेशी ट्रॉलर से 12 और मछुआरों को बचाकर भारत में हिरासत में ले लिया गया था।

तीन महीने की कैद के बाद घर वापसी का रास्ता साफ-बांग्लादेशी जलसीमा में ग़ैरक़ानूनी रूप से मछली पकड़ने के आरोप में पकड़े गए 64 भारतीय मछुआरों को पहले ही रिहा कर दिया गया था और अब बाकी 95 मछुआरों को भी छोड़ने का निर्णय लिया गया है। बागेरहाट जेल के अधीक्षक शंकर कुमार मजूमदार ने बताया कि बांग्लादेश के गृह मंत्रालय और अदालत की मंजूरी के बाद भारतीय मछुआरों को भारतीय दूतावास के अधिकारियों को सौंपा जाएगा।

भारत और बांग्लादेश के बीच तालमेल से बनी सहमति-बांग्लादेश की जेलों में बंद भारतीय मछुआरों की रिहाई के बदले भारत ने भी अपने कब्जे में रखे 90 बांग्लादेशी मछुआरों को मुक्त करने का निर्णय लिया है। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।

भारत और बांग्लादेश की समुद्री सीमा से जुड़े इलाकों में अक्सर मछुआरों की नावें गलती से दूसरी देश की सीमा में चली जाती हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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