तिरुपति भगदड़ की घटना में डीएसपी समेत अधिकारी निलंबित, दो का तबादला

- मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा- घटना की न्यायिक जांच कराएंगेतिरुपति, 9 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि भगदड़ की घटना को लेकर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू ने बालाजी मंदिर के प्रशासन भवन में वैकुंठ द्वार दर्शन टोकन जारी करने के दौरान भगदड़ की घटना की समीक्षा करने के बाद मीडिया से बात की। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू ने मीडिया को बताया कि डीएसपी रमण कुमार ने गैरजिम्मेदारी से काम किया। हमने लापरवाही बरतने वाले रमण कुमार और गौशाला संचालक हरनाथ रेड्डी को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा जिला पुलिस अधीक्षक सुब्बारायडू, बालाजी मंदिर के सहाय कार्यकारी अधिकारी गौतमी और सुरक्षा अधिकारी श्रीधर का तत्काल तबादला किया जा रहा है। हम घटना की न्यायिक जांच कराएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तिरुमला तिरुपति बालाजी मंदिर बोर्ड के माध्यम से प्रत्येक मृतक के परिवार को 25-25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे। हम मृतक के परिवार के एक सदस्य को मंदिर प्रशासन में संविदा पर नौकरी देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि दो महिला थिमक्का और ईश्वरम्मा गंभीर रूप से घायल हो गए, इनके उपचार मंदिर से संचालित रुआ हॉस्पिटल में होगा। हम उन्हें 5-5 लाख रुपये की दर से मदद करेंगे।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हम 33 घायलों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देंगे। उनमें कष्ट सहकर भी प्रभु के दर्शन करने का दृढ़ संकल्प है। हम शुक्रवार को 35 घायलों को वैकुंठ के माध्यम से दर्शन प्राप्त करवाएंगे।

मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार तिरुमाला दिव्यक्षेत्र की पवित्रता बनाए रखने की जिम्मेदारी लेता है। जाने-अनजाने में हमारे कार्यों से ईश्वर की पवित्रता को ठेस पहुंचे तो यह अच्छा नहीं है। हमारी अक्षमता से भगवान का नाम खराब नहीं होना चाहिए। यहां कोई राजनीति नहीं. हमें इस भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए कि हम राजनीति से परे कलियुग के भगवान की सेवा कर रहे हैं। वैकुंठ एकादशी पर सभी हिंदू भगवान के दर्शन की इच्छा रखते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौर में उन्हें श्रद्धालुओं से कुछ शिकायत मिली ।तिरुमाला पहाड़ी पर भगवान का चिंतन करते हुए दिव्य चिंतन के साथ 36 घंटे तक कतार में लगे रहते हैं। लेकिन, भक्तों का कहना है कि तिरुपति में इतने लंबे समय तक इंतजार करना परेशानी भरा है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि तिरूपति में वैकुंठ एकादशी का टिकट देना एक अभूतपूर्व परंपरा है। वैकुण्ठ द्वारा दर्शन को बढ़ाकर दस दिन कर दिया गया। मुझे नहीं पता कि इसे क्यों उठाया गया. मौजूदा परंपराओं को बदलना ठीक नहीं है. आगम शास्त्र के अनुसार मंदिर की प्रथा होनी चाहिए। हम इस बात का ध्यान रखेंगे कि किसी भी मंदिर के परंपरा से छेड़छाड़ ना हो।

चंद्रबाबू ने स्पष्ट किया कि पवित्र दिनों पर दर्शन को सुचारू बनाना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। इससे पहले तिरुमला तिरुपति मंदिर के प्रशासनिक भवन में अध्यक्ष बीआर नायडू, कार्यकारी अधिकारी श्यामा राव, जिलाधीश वेंकटेश्वर, जिला पुलिस अधीक्षक सुब्बारायडू और मंदिर प्रशासन के अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री ने समीक्षा की।

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हिन्दुस्थान समाचार / नागराज राव

   

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