गुरू जंभेश्वर के सिद्धांतों पर चलकर अंतरराष्ट्रीय पहचान बना रहा विवि:बिश्नोई

स्थापना दिवस पर पुस्तिका रिफलैक्शन का विमोचन करते मुख्यातिथि प्रो. नरसीराम बिश्नोई व अन्य अतिथिगण।

विभागों की उपलब्धियों को रेंखाकित करती एक प्रदर्शनी भी लगाई गई

प्रतिष्ठित पब्लिशर्ज ने लगाई पुस्तक प्रदर्शनी, विशेष उपलब्धियां हासिल करने वाले शिक्षकों को किया सम्मानित

गुरू जंभेश्वर विश्वविद्यालय में मनाया गया विश्वविद्यालय का 30वां स्थापना दिवस

हिसार, 21 अक्टूबर (हि.स.)। गुरू जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि गुरू जंभेश्वर जी महाराज के प्रकृति संरक्षण तथा मानवीय संवेदनाओं के सिद्धांतों से प्रेरित होकर चल रहा यह विश्वविद्यालय शिक्षा, शोध व नवाचार के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा कि यह दिवस केवल इस महान विश्वविद्यालय के गुजरे 29 वर्षों की यात्रा का पैमाना नहीं है, बल्कि विश्वविद्यालय के हितधारकों की कड़ी मेहनत, उपलब्धियों और समर्पण का प्रतिबिंब भी है।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई सोमवार को 30वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर विश्वविद्यालय के चौ. रणबीर सिंह सभागार में एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर विशिष्ट अतिथि विशिष्ट अतिथि रहे। आईक्यूएसी के सौजन्य से हुए इस आयोजन में डीन अकेडमिक अफेयर्ज प्रो. योगेश छाबा तथा आईक्यूएसी निदेशक प्रो. आशीष अग्रवाल ने विशेष जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1995 में एक टीचिंग ब्लॉक से आरंभ हुए इस विश्वविद्यालय में अब दस टीचिंग ब्लॉक, दस हॉस्टल, उत्तर भारत की सबसे उन्नत डा. एपीजे अब्दूल कलाम लैब तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर की अन्य अधिकतर सुविधाएं हैं। केवल बीते एक साल में विश्वविद्यालय का ‘एच’ इंडेक्स 117 से 126 तथा साइटेशन 80 हजार से बढ़कर एक लाख पार कर चुका है। डिजिटलाइजेशन में विश्वविद्यालय ने भी खास प्रगति की है। बीते एक वर्ष नौ नए विभाग तथा 18 नए नियमित कोर्स आरंभ किए गए हैं। दुरस्थ तथा ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाए जाने वाले कोर्सों की संख्या नौ से बढ़कर 22 हो गई है।

स्वदेशी शोध संस्थान नई दिल्ली के मानक सलाहकार डा. सुरेश गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि इस विश्वविद्यालय में हरियाणा के किसी भी विश्वविद्यालय से अधिक संभावनाएं व क्षमताएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत में 65 करोड़ युवा हैं जो इस देश की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने विश्वविद्यालय में आईपीआर, एमएसएमई तथा इन्क्यूबेशन के क्षेत्र और अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस अवसर पर स्वदेशी शोध संस्थान के क्रियाकलापों के बारे में विस्तार से जानकारी देेते हुए बताया कि विश्वविद्यालय तथा संस्थान के बीच हुए एमओयू के बाद अब दोनों संस्थान शोध व शिक्षण के क्षेत्र में मिलकर कार्य करेंगे। कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने इस अवसर पर कहा कि 29 वर्षों की अपनी विकास यात्रा में यह विश्वविद्यालय शोध, इन्क्यूबेशन, स्टार्ट अप तथा नवाचार का हब बनकर उभरा है। अब हमें आगे एआई तथा अन्य नवीनतम तकनीकों को प्रयोग करते हुए नई ऊंचाइयों को छूना है। गुरू जंभेश्वर जी महाराज की शिक्षाएं हमारे सिद्धांत हैं।

प्रो. योगेश छाबा ने अपने स्वागत संबोधन में विश्वविद्यालय की श्रेष्ठ शैक्षणिक उपलब्धियों को जिक्र किया। धन्यवाद संबोधन प्रो. आशीष अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को रेखाकिंत करने वाली एक पुस्तिका ‘रिफलेक्शन’ का विमोचन भी किया गया। एक वृतचित्र दिखाया गया। विभागों की उपलब्धियों तथा साइटेशन आदि को प्रदर्शित करते एक प्रदर्शनी लगाई साथ ही देश के प्रतिष्ठित पब्लिसर्ज द्वारा विश्वविद्यालय के डा. भीमराम अंबेडकर पुस्तकालय के सौजन्य से एक पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। मंच संचालन डा. गीतू धवन तथा डा. पल्लवी ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

सम्बंधित खबर