वैदिक सनातन संस्कृति का महान पर्व है महाकुंभ: आचार्य नवलेश जी महाराज
- Admin Admin
- Jan 28, 2025
-योगी सरकार ने बढ़ाई सनातन धर्म के तीर्थों की भव्यता
-प्रयागराज से कम नहीं है चित्रकूट के राघव प्रयाग घाट की महिमा
चित्रकूट,28 जनवरी (हि.स.)। देश के सुप्रसिद्ध भागवताचार्य आचार्य नवलेश जी महाराज ने बताया कि वैदिक सनातन संस्कृति के महान पर्व माघी मौनी अमावस्या के दिन किया हुआ दान अक्षय हो जाता है। इसलिए हमारी सनातन परंपरा में गंगा स्नान के बाद चावल, सफेद तिल का दान करना बहुत ही शुभ माना गया है। साथ ही इस दिन ब्रह्म बेला से लेकर रात्रि पर्यंत मौन रहना चाहिए।
आचार्य नवलेश जी महाराज ने पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि मौनी का अर्थ मौन है जो आध्यात्मिक आत्म शुद्धि परम शांति प्रदान होती है। हमारे प्रभु श्री राम जब तक वनवास काल में चित्रकूट में रहे तो इस पर्व पर मां सीता, भाई लक्ष्मण के साथ मंदाकिनी स्नान करके मौन ही रहते थे। मौनी अमावस्या की जितनी महिमा महाकुंभ प्रयाग में है, वही महिमा चित्रकूट के राघव प्रयाग में मंदाकिनी गंगा में स्नान की है। उन्होंने महाकुंभ पर किये गये योगी सरकार के बेहतर इंतजामों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि कुंभ संतों का पर्व है। यह पहला महाकुंभ है, जब मुख्यमंत्री स्वयं व्यवस्था की कमान अपने हाथो में लिया हो। आज परम सौभाग्य का विषय है कि हमे संत के रूप में मुख्यमंत्री मिले हुए है। करोडों लोग एक साथ संगम में स्नान कर रहे है। ऐसे विलक्षण दृश्य पूरे विश्व में भारत के अलावा किसी अन्य देश में देखने को नहीं मिल सकता है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में सनातन धर्म के प्रमुख तीर्थ अयोध्या,प्रयाग,काशी,मथुरा और चित्रकूट का चतुर्दिक विकास हो रहा है। देश ही नहीं पूरे विश्व के लोग भारतीय सनातन संस्कृति को जानने के लिए अयोध्या,काशी,प्रयाग और चित्रकूट पहुंच रहे है। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी बेहतर होने के कारण आज लाखों करोड़ों लोग उत्तर प्रदेश के तीर्थ स्थलों के दर्शन कर अपने जीवन को धन्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में सनातन के प्रति आस्था बढी है।
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