हिसार : पूर्व में किए गए कार्यों से प्ररेणा लेते हुए भविष्य के लिए लक्ष्य निर्धारित करें : प्रो. बीआर कम्बोज

हकृवि की उपलब्धियों में वैज्ञानिको, कर्मचारियों,

विद्यार्थियों व किसानों का अहम योगदान : कुलपति

हकृवि में धूमधाम से मनाया गया 56वां स्थापना

दिवस

हिसार, 2 फरवरी (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय

के 56वें स्थापना दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रमों की शुरूआत

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने स्व. चौधरी चरण सिंह, स्व. चौधरी देवीलाल व स्व. डॉ. मंगल

सेन की प्रतिमाओं पर माल्यापर्ण करके की। इस अवसर प्रशासनिक भवन की नवीनीकृत जलपान

गृह (कैंटीन) का उद्घाटन व तीन दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का भी शुभारंभ किया। रविवार

को आयोजित स्थापना दिवस पर मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के सभागार में विशेष

कार्यक्रम का भी आयोजित किया गया जिसके मुख्यातिथि कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज रहे जबकि

कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलसचिव डॉ. पवन कुमार ने की। इस अवसर पर कैंपस स्कूल की निदेशिका

श्रीमति संतोष कुमारी भी उपस्थित रहीं।

प्रो. कम्बोज ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस पवित्र

दिन पर हमें विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को समझते हुए भविष्य की रूपरेखा तैयार करनी

चाहिए। इस स्थापना दिवस पर हमें अपनी पूर्व में किए गए कार्यों से प्ररेणा लेते हुए

भविष्य के लिए लक्ष्य निर्धारित करने हैं। विश्वविद्यालय में काम करने वाला हर कर्मचारी

व अधिकारी प्रबधंन के सिद्वांतों को अमल में लाते हुए अपना योगदान देता है इसलिए विश्वविद्यालय

की उपलब्धियों में सभी पद के कर्मियों की अहम भूमिका रही। अपने 55 साल के इतिहास में

खादय सुरक्षा में विश्वविद्यालय ने प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर अहम भूमिका निभाई व

हरित क्रान्ति के अलावा पीली क्रान्ति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विश्वविद्यालय

से अभी तक हजारों छात्रों ने डिग्री हासिल की है व वैज्ञानिकों ने शोधार्थियों को सीखाने

की परम्परा को बखूबी आगे बढाया है। उन्होनें विश्वविद्यालय द्वारा गत वर्ष में अधिक

उत्पादन देने वाली विभिन्न फसलों की उन्नत किस्में, समेकित कृषि प्रणाली के मॉडल, आधुनिक

कृषि पद्वतियां, सब्जी के पौध की ग्राफिटिंग विधि एवं टिश्यू कल्चर तकनीक द्वारा रोगरहित

पौध विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होनें वैज्ञानिकों से कम लागत पर

अधिक मुनाफा देने वाली कृषि पद्वतियां विकसित करने का आहवाह्न किया व कहा कि हमें भविष्य

में कम पानी में अधिक उत्पादन देने वाली, जलवायु के प्रति सहनशील, गुणवत्तापूर्ण किस्मों

पर कार्य करने की जरूरत है। भविष्य में विश्वविद्यालय को कृषि क्षेत्र में उत्पादन

व गुणवता बढाने व प्रसंस्करण संबंधी और अधिक शोध करने होगें। उन्होनें बताया कि युवाओं

में कौशल विकास के लिए हकृवि में जल्द ही नये डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएगें। विश्वविद्यालय

में छात्राओं कों मूलभूत सविधाओं और अधिक बढाने के लिए दो हॉस्टल बनाने का कार्य भी

प्रगति पर है। एबिक के माध्यम से कृषि क्षेत्र में नये स्टार्टअप को बढावा मिल रहा

है तथा ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं के नवाचारों को स्वरोजगार में परिवर्तित व स्थापित

करने में मदद मिल रही है, भविष्य में युवाओं को और अधिक स्टार्टअप स्थापित करने के

लिए प्रेरित किया जाएगा। सूचना तकनीक से किसानों को मौसम संबंधी, फसलों में कृषि क्रियाओं

संबंधी सूचनाएं देने के कार्य को और अधिक तीव्र गति से देने पर जोर दिया।

कुलसचिव एवं कार्यक्रम के आयोजक डॉ. पवन कुमार

ने स्वागत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय अपने स्थापना के 56वें वर्ष में प्रवेश कर

रहा है। हकृवि ने पिछले वर्ष दौरान अनेकों उपलब्धियां हासिल की है जिसमें मुख्यत:

49 वैज्ञानिकों व अधिकारियों की सीधी भर्तियां की गई है तथा करीब 70 वैज्ञानिकों व

90 गैर शिक्षक कर्मचारियों की पदोनन्ति की है। गत वर्ष दौरान 200 से अधिक वैज्ञानिकों

द्वारा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण व सम्मेलन में भाग लिया। अधिष्ठाता

स्नाताकत्तर अध्ययन डॉ केडी शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। मंच का संचालन छात्रा

श्वेता ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक,

अधिकारी, वैज्ञानिक, शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारी एवं विद्यार्थी भी उपस्थित रहें।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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