जनसहयोग से राजस्थान के 40 हजार गांवों में होंगे वाटर रिचार्ज के कार्य : पाटिल
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- Jan 04, 2025
जयपुर, 4 जनवरी (हि.स.)। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नदियों को जोड़ने के सपने को साकार करते हुए राजस्थान और मध्य प्रदेश की नदियों को जोड़ने की ईआरसीपी पीकेसी लिंक परियोजना को मंजूरी दी है। लगभग 70 हजार करोड़ रुपये लागत की इस परियोजना में 90 प्रतिशत अंशदान केंद्र सरकार और पांच-पांच प्रतिशत अंशदान मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार देंगी। परियोजना के धरातल पर उतरने के बाद राज्य में पानी की कोई कमी नहीं रहेगी। पाटिल शनिवार को डूंगरपुर के खड़गदा में नदियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए आयोजित श्रीराम कथा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री पाटिल ने कहा कि कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के तहत जन सहयोग से राजस्थान के 40 हजार गांवों में वाटर रिचार्ज के लिए बोरवेल खोदे जाएंगे। पाटिल ने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय के पोर्टल पर कैच द रैन अभियान में खड़गदा गांव के इस प्रयास को विशेष स्थान दिया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में जल उपलब्धता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं। प्रदेश की 40 प्रतिशत आबादी को ईआरसीपी-पीकेसी लिंक परियोजना से पेयजल एवं सिंचाई के लिए जल मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र में यमुना जल लाने के लिए एमओयू किया गया है। उदयपुर में देवास योजना के माध्यम से जल उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, माही बांध से बांसवाड़ा-डूंगरपुर को पेयजल एवं सिंचाई के लिए योजना प्रारंभ की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर जन भागीदारी से जल संचय का अभियान शुरू किया गया है। प्रदेश के 40 हजार गांवों में जल संचय के कार्य किए जा रहे हैं। खड़गदा एवं आस-पास के क्षेत्र के ग्रामीणों ने नाै महीने की कड़ी मेहनत और दृढ़संकल्प से एक किलोमीटर के दायरे में मोरन नदी को चौड़ा और गहरा कर जल की उपलब्धता बढ़ाकर अभूतपूर्व कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि सभी को मिलकर गांवों में उपलब्ध पेयजल के पारंपरिक स्रोतों कुएं, तालाब, बावड़ी, नदी आदि के संरक्षण के लिए सहभागिता से काम करना चाहिए, ताकि हम इस पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करा सके। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से खड़गदा वासियों ने प्रदेश को यह संदेश दिया है कि स्थानीय पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण किया जाना बहुत आवश्यक है।
शर्मा ने कहा कि पिछले साल जनवरी में 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या के भव्य मंदिर में विराजमान हुए। उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान श्रीराम ने सत्य की जीत के लिए समुद्र पर सेतु बनाकर एक छोर को दूसरे छोर से जोड़ने का काम किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आम आदमी को पानी उपलब्ध कराने के लिए नदियों को जोड़ने का काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने कर्मभूमि से जन्मभूमि कार्यक्रम की पहल की है। इसमें प्रवासी राजस्थानियों द्वारा गांवों में भू-जल रिचार्ज के लिए सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल जीवन मिशन के तहत हर घर तक नल से जल पहुंचाने का प्रयास कर रही है। इस मिशन के तहत डूंगरपुर जिले में लगभग 77 हजार कनेक्शन तथा 93 प्रतिशत स्कूलों में नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा डूंगरपुर जिले के विकास के लिए वर्ष 2024-25 के बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। सागवाड़ा में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का खंड खोला जाएगा तथा पेयजल के लिए विधानसभा क्षेत्रों में 2 वर्ष में कई हैंडपंप और ट्यूबवेल के निर्माण करवाए जाएंगे। सोम-कमला-अंबा भीखाभाई सागवाड़ा फीडर परियोजना पर 125 करोड़ रुपये की लागत से 19 हजार 224 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की स्वीकृति भी जारी कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डूंगरपुर में 44 करोड़ रुपये की लागत से शिल्पग्राम बनाया जाएगा। इससे सोमपुरा मूर्तिकारों, बांसड (बांस की लकड़ियों से कलाकृति बनाने वाले) एवं पारेवा पत्थरों से कलाकृति बनाने वाले स्थानीय कलाकारों एवं अन्य प्रतिभाओं को जिला स्तर पर मंच एवं प्रोत्साहन प्राप्त होगा। साथ ही, जिले में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने पहले ही वर्ष में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट आयोजित कर प्रदेश के औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। समिट में 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश एमओयू हुए हैं। डूंगरपुर जिले के लिए भी लगभग 1500 करोड़ रुपये के निवेश एमओयू हुए हैं। इस निवेश से डूंगरपुर में लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं की आशा और आकांक्षाओं के अनुरूप राजस्थान लोक सेवा आयोग और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड का परीक्षाओं का कैलैंडर जारी करवाया है और पूरी पारदर्शिता के साथ परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। राज्य सरकार ने 47 हजार युवाओं को नियुक्तियां देने का काम किया है। जनवरी में होने वाले आयोजन में भी 10 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्तियां दी जाएंगी। लगभग 81 हजार नौकरियों के लिए वर्ष 2025 का परीक्षा कैलेण्डर जारी किया गया है। युवाओं को पांच वर्ष में चार लाख सरकारी नौकरी देंगे। शर्मा ने कहा कि वागड़ क्षेत्र की उन्नति के लिए विकास कार्य किए जाएंगे। स्थानीय जल संचय के कार्यों में भी राज्य सरकार पूर्ण सहयोग करेगी। इस क्षेत्र के पर्यटन स्थलों के विकास के लिए भी बजट की मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार संकल्प पत्र के सभी वायदों को पूरा करेगी।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को शौर्य के प्रतीक तीर कमान भेंट किए गए। इससे पहले मुख्यमंत्री शर्मा और केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री पाटिल ने खड़गदा मोरन नदी पर जल संचय कार्यों का अवलोकन किया एवं नदी के घाट पर जनभागीदारी से तैयार किया गया 55 लाख लीटर जल संग्रहण की क्षमता वाला कुआं आमजन को समर्पित किया।
इस अवसर पर जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, विधायक कैलाश चंद्र मीणा, उदयलाल डांगी, शंकरलाल डेचा सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएचईडी भास्कर ए. सावंत, कथावाचक कमलेश शास्त्री, साधु-संत तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित