गुवाहाटी, 03 फरवरी (हि.स.)। विद्यादायिनी मां सरस्वती पूजा की सोमवार को राज्यभर में धूम मची रही। बसंत पंचमी के अवसर पर सुबह से ही पूजा अर्चना शुरू हो गई। इसके लिए राज्यभर में व्यापक तैयारियां की गई थी। पूजा के लिए विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों को कई दिनों से सुसज्जित किया जा रहा था।
सुबह से ही श्रद्धालु भक्तों का मां सरस्वती पूजा स्थलों पर तांता लगा रहा। मां के चरणों में धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित कर ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति की प्रार्थना की गई। वहीं, छात्र-छात्राएं सुबह से ही सज-धजकर पारंपरिक वेशभूषा में शिक्षण संस्थानों में पहुंचते देखे गए।
सनातन धर्म में बसंत पंचमी का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन को मां सरस्वती को समर्पित किया जाता है। मान्यता है कि पूरी विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति की बुद्धि का विकास होता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इसी कारण घरों, कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
उल्लेखनीय है कि इस बार बसंत पंचमी की तिथि को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति बनी रही, लेकिन अधिकतर शिक्षण संस्थानों में सोमवार को मां सरस्वती की पूजा का आयोजन किया गया।
सरस्वती पूजा के दिन विशेष रूप से छात्राएं पारंपरिक परिधान में खुद को सुसज्जित करती हैं। लड़कियां आज भी मेखला-चादर, साड़ी तथा अन्य आकर्षक परिधानों में अपने अपने घरों से निकलीं। छोटे बच्चों से लेकर कॉलेज और विश्वविद्यालय की छात्राओं तक में सजने-संवरने की मानो होड़ सी लग गई। इस अवसर पर उनके मनमोहक परिधानों से वातावरण रमणीय हो गया। पूरे राज्य के साथ ही राजधानी गुवाहाटी में चप्पे-चप्पे पर सरस्वती पूजा का पंडाल सजा हुआ दिखा। भक्तिपूर्ण गीतों से पूरा शहर गुंजित होता रहा।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश