गांव बनभौरी में मजदूरों पर बर्बरता का मामला
हिसार, 6 नवंबर (हि.स.)। एडीजे डॉ. गगनदीप मितल की अदालत ने बरवाला थाना क्षेत्र के गांव बनभौरी में प्रवासी मजदूरों पर नौ सितंबर को हुई बर्बरता के मामले में गिरफ़्तार चार आरोपियों में से एक जेल में बंद बसाऊ की ज़मानत याचिका कड़ी ज़िरह के बाद खारिज कर दी। घटना के बाद से जेल में बंद आरोपी बसाऊ ने चार नवंबर को कोर्ट में जमानत की याचिका लगाई थी, जिसे अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया।
पीड़ित प्रवासी मजदूरों की पैरवी कर रहे एडवोकेट बजरंग इंदल ने बताया कि बनभौरी मामले की एफआईआर में नामजद मुख्य आरोपी ठेकेदार सतीश अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस उसकी व अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। अदालत में जिरह के दौरान पीड़ित पक्ष ने कहा कि उन्हें डराने और समझौता करने के लिए आरोपियों ने पहले ही बरवाला थाने की एक महिला कांस्टेबल से झूठा छेड़छाड और स्नैचिंग का केस दर्ज करवा दिया था।
आरोपी अब भी उनके यूपी और उत्तराखंड के गांव में जाकर समझौते का दवाब बना रहे है। नवरात्रों में लगे माता मंदिर के मेले में ठेकेदार की दुकानों पर दिहाड़ी के दौरान हुई घटना के बाद से उनके कपड़े, पैसे और कागजात अब भी फरार आरोपियों के कब्जे में है। पुलिस भी फरार आरोपियों से वसूली की रकम और घटना में प्रयोग हथियार बरामद करना चाहती है।
मामले के अनुसार गांव बनभौरी में यूपी और उत्तराखंड के प्रवासी मजदूरों को सतीश ठेकेदार ने मेले में प्रसाद बेचने की दिहाड़ी पर बुलाया था। मेला समाप्ति के बाद ठेकेदार ने बिज़नेस में घाटा होने की बात कहकर मजदूरों को दिहाड़ी देने से मना कर दिया था। इतना ही नहीं सभी 11 मजदूरों को बंधक बनाकर इन मजदूरों के परिजनों से फोन पर पचास-पचास हजार रुपए इन मजदूरों को छोड़ने के नाम पर मांगे गए थे। दो मजदूरों के परिजनों ने आरोपियों के मोबाइल में ऑनलाइन पांच-पांच हजार रुपए भेज भी दिए थे। इस दौरान सभी मजदूरों के साथ बर्बरता की गई थी। मौके पर यूपी और उत्तराखंड से आए लोगों ने बरवाला थाने की पुलिस को ले जाकर सभी मजदूरों को बंधन से मुक्त करवाकर अस्पताल में भर्ती करवाया था। इस घटना में 10 सितंबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस इस मामले में कुल 15 आरोपियों में से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है जबकि बाकी सब फरार चल रहे है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर