हरियाणाः सूचना आयोग के फैसलों पर 1900 अधिकारियों ने नहीं भरा तीन करोड़ जुर्माना

चंडीगढ़, 03 अप्रैल (हि.स.)। हरियाणा राज्य सूचना आयोग ने स्थापना से लेकर अब तक प्रदेश भर के चार हजार से अधिक मामलों की सुनवाई करते हुए राज्य लोक सूचना अधिकारियों पर पांच करोड़ 90 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। यह अहम जानकारी भी आरटीआई के माध्यम से ही मिली है।

हरियाणा में पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2005 में सूचना आयोग की स्थापना की गई थी। तब से लेकर 31 जनवरी तक आयोग द्वारा कुल 4043 मामलों में राज्य लोक सूचना अधिकारियों पर 5.90 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। इनमें से 1965 मामलों में कुल 3.06 करोड़ रुपये की अदायगी एसपीआईओ ने नहीं की है।

हरियाणा सूचना अधिकार मंच के राज्य संयोजक सुभाष के अनुसार पिछले 19 सालों में धारा 20 (1) के तहत 32 हजार 827 मामलों में कारण बताओ नोटिस जारी किए लेकिन जुर्माना केवल 4043 मामलों में लगाया गया। आयोग को इस दौरान 1 लाख से ज्यादा अपीलें और शिकायतें मिलीं।

आरटीआई के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2006 में कुल 25, 2007 में 308, 2008 में 575, 2009 में 719, 2010 में 799, 2011 में 957, 2012 में 909, 2013 में 1,457, 2014 में 2,096, 2015 में 2,971, 2016 में 2,468, 2017 में 1,935, 2018 में 2,511, 2019 में 3,223, 2020 में 2,821, 2021 में 1,964, 2022 में 1,797, 2023 में 1,980 तथा 2024 में 3,159 नोटिस जारी किए गए। इस वर्ष 31 जनवरी तक 153 नोटिस जारी किये गये।

कई अधिकारी ऐसे हैं जिन पर सालों पहले जुर्माना लगाया गया था लेकिन उन्होंने अभी तक भुगतान नहीं किया। कुछ ने तो जुर्माने के खिलाफ अदालत का दरवाजा भी खटखटाया। इसके अलावा, कई अधिकारियों ने केवल आंशिक रूप से जुर्माना भरा है, बाकी अभी भी बकाया है। हालांकि इनमें सबसे अहम बात यह है कि हरियाणा में सूचना आयोग के दस पदों में छह खाली चल रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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