हरियाणा के प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे की विश्वसनीयता पर केंद्र सरकार की मुहर

-प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे को विपक्ष ने बनाया था मुद्दाचंडीगढ़, 16 मार्च (हि.स.)। हरियाणा के जिस प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे को लेकर विपक्ष ने सदन के बाहर और भीतर जमकर बवाल काटा, उसी प्रॉपर्टी सर्वे के काम को केंद्र सरकार ने दिल खोलकर सराहा है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली पब्लिक फाइनेंस-स्टेट डिविजन ब्रांच की ओर से हरियाणा को 150 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है। इस अनुदान के बाद अब हरियाणा का चयन ईटी गवर्नमेंट डिजीटेक अवॉर्ड 2025 के लिए हुआ है। जीआईएस आधारित प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे प्रोजेक्ट के लिए हरियाणा को गोल्ड मेडल प्रदान किया जाएगा। इस परियोजना को परिवहन, शहरी विकास और अन्य परियोजनाओं के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के उत्कृष्ट उपयोग श्रेणी में अवार्ड प्राप्त हो रहा है।

हरियाणा के शहरी निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता 18 मार्च को नई दिल्ली में यह राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त करेंगे। केंद्र सरकार की ओर से राज्य को 150 करोड़ रुपये का जो अनुदान मिला है, वह पूंजी निवेश (कैपिटल इन्वेस्टमेंट) में खर्च होना प्रस्तावित है। यह राशि उन शहरी विकास परियोजनाओं पर खर्च की जाएगी, जिसमें प्रदेश में टैक्स कलेक्शन, आधारभूत संरचना और नगर निगमों की कार्यप्रणाली को मअधिक मजबूत करने का प्रविधान है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पब्लिक फाइनेंस-स्टेट डिविजन ब्रांच की सहायक निदेशक अंजलि मौर्य की ओर से हरियाणा सरकार को इस अनुदान की जानकारी प्रदान की गई है। राज्य सरकार को पहले ग्रांट और अब पुरस्कार मिलने से प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे की वैधानिकता तथा स्वीकार्यता पर मुहर लगी है। विधानसभा के बाहर और भीतर विपक्ष ने प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे की वैधता पर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद राज्य सरकार ने जयपुर की याशी कंपनी से काम वापस ले लिया था। इस कंपनी के अभी भी सरकार पर करीब 32 करोड़ रुपये बकाया हैं।

हरियाणा में प्रॉपर्टी सर्वे का काम फरवरी 2022 में पूरा हो चुका था। इस सर्वे से पहले राज्य सरकार के रिकॉर्ड में सिर्फ 26 लाख प्रापर्टी दर्ज थी, लेकिन सर्वे पूरा होने के बाद 46 लाख प्रापर्टी आईडी तैयार की गई, जिनसे 960 करोड़ रुपये वार्षिक का संपत्ति कर सरकारी खजाने में आना प्रस्तावित था। साल 2022 से पहले तक राज्य सरकार के खजाने में प्रॉपर्टी टैक्स की मद में 360 करोड़ रुपये आते रहे हैं, लेकिन प्रॉपर्टी आईडी बनने के बाद पिछले साल 2024 में 535 करोड़ रुपये का प्रापर्टी टैक्स सरकारी खजाने में आया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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