महाकुम्भ : अंतिम तीसरे अमृत स्नान की तैयारियां तेज, सजने लगे रथ, सबसे पहले स्नान करेगा श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी

महाकुम्भ नगर, 02 फरवरी (हि.स.)। महाकुंभ 2025 के अंतिम तीसरे अमृत स्नान के लिए अखाड़ों और प्रशासन की तैयारियां जोरों पर हैं। बसंत पंचमी के अवसर पर होने वाले अमृत स्नान की पूर्व संध्या पर अखाड़ों में भव्यता और दिव्यता का माहौल है। महाकुम्भ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान सोमवार को होना है। इसको लेकर सभी अखाड़ों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। अखाड़ों में रथ और पालकी को सजाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। सभी महामंडलेश्वर इस स्नान में शामिल होंगे। तय किए गए समय पर ही अखाड़ों का अमृत स्नान होगा। बसंत पंचमी पर सुबह चार बजे से अखाड़ों का शिविर से प्रस्थान शुरू हो जाएगा।

मौनी अमावस्या पर हुए हादसे को देखते हुए अखाड़ों ने प्रतीकात्मक स्नान किया था। हालांकि, बसंत पंचमी के मौके पर पूरा उल्लास दिखाई देगा। निरंजनी अखाड़े में श्रीमहंत रविंद्र पुरी, सचिव राम रतन गिरी ने मिलकर स्नान की तैयारियों को पूरा किया। जूना अखाड़े की छावनी में महंत हरि गिरी, अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी, महंत नारायण गिरी ने मिलकर महामंडलेश्वर के क्रम पर विस्तार से चर्चा की।

सजने लगी शाही सवारियांचुस्त सुरक्षा इंतजामों के बीच बसंत पंचमी पर अमृत स्नान संगम तट पर सोमवार की सुबह पांच बजे आरंभ होगा। इसके लिए शाही सवारियां सज रही हैं। रविवार शाम से ही जूना अखाड़े के माईबाड़ा से लेकर नागा संन्यासियों के धूने तक संन्यासिनियों और नागाओं का भस्म, चंदन शृंगार की तैयारी हो रही है। देर रात शाही सवारियां भी सजाने का सिलसिला जारी रहेगा। रथों, बग्घियों, हाथी, ऊंट, घोड़ों की सवारियों के साथ अखाड़ों के पीठाधीश्वर, महंत, महामंडलेश्वर सज धज कर अमृत स्नान के लिए निकलेंगे।

अखाड़ों की दिव्य तैयारीमहाकुंभ में अमृत स्नान का विशेष महत्व है। सभी अखाड़े अपने क्रम से संगम स्नान करेंगे। इस दौरान रथ, हाथी और घोड़ेः अखाड़ों के पदाधिकारियों के रथ, हाथी और घोड़ों को फूलों और चांदी के हौदों से सजाया जा रहा है। भस्म रमाए, जटा-जूट सुसज्जित नागा संन्यासी तीर-तलवार, भाले और ढोल-नगाड़ों के साथ इष्ट देव के जयकारे लगाते हुए संगम की ओर बढ़ेंगे। शोभायात्रा से पहले अखाड़ों में मंत्रोच्चार के साथ इष्ट देव का विधि-विधान से पूजन किया जाएगा।

भव्य शोभायात्राअमृत स्नान की शोभायात्रा प्रातः 4 बजे से ही शुरू हो जाएगी। अखाड़ों के महंत, महामंडलेश्वर और नागा संन्यासी जयकारे लगाते हुए संगम की ओर प्रस्थान करेंगे। शोभायात्रा के दौरान ढोल-नगाड़ों, ध्वजाओं और शस्त्रों की छटा बिखरेगी। संगम में स्नान से पहले सभी अखाड़े परंपरा अनुसार पूजा-अर्चना करेंगे।

प्रशासन की तैयारीमेला प्रशासन ने अमृत स्नान के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं। अखाड़ों के मार्ग, स्नान का समय और स्थान निर्धारित किए गए हैं। बैरिकेडिंग और वॉच टॉवर से शोभायात्रा और स्नान की निगरानी की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अमृत स्नान के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की जाएगी। मेला क्षेत्र के सभी थानों और पुलिस कर्मियों को दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हर गतिविधि पर नजर रखेंगे।

सनातन आस्था का पर्वमहाकुंभ का अंतिम तीसरा अमृत स्नान केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की दिव्यता का प्रतीक है। श्रद्धालु इस महापर्व पर संगम स्नान कर आध्यात्मिक और धार्मिक अनुभव प्राप्त करेंगे।

13 अखाड़ों का अमृत स्नान का क्रम बसंत पंचमी पर सबसे पहले श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी व श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़ा स्नान करेगा। दोनों अखाडे अपने शिविरों से प्रातः 4 बजे प्रस्थान कर संगम घाट पर प्रातः 5 बजे पहुचेंगे। 40 मिनट के स्नान के बाद प्रातः 5.40 पर घाट से प्रस्थान कर अखाड़े प्रातः 6.40 पर अपने शिविरों में पहुंच जाएंगे। इसके बाद श्रीतपोनिधि पंचायती श्रीनिरंजनी अखाड़ा एवं श्रीपंचायती अखाड़ा आनंद अमृत स्नान करेगा। तीन संन्यासी अखाड़े श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा एवं श्रीपंच दशनाम आवाहन अखाड़ा तथा श्रीपंचाग्नि अखाड़ा स्नान करेगा। तीन बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़ा इसके बाद अखिल भारतीय श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़ा और अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़ा स्नान करेगा। श्रीपंचायती नया उदासीन अखाड़ा, श्रीपंचायती अखाड़ा बडा उदासीन निर्वाण और सबसे अंत में श्रीपंचायती निर्मल अखाड़ा स्नान करेगा। अखाड़ों का स्नान प्रातः 4 बजे से शुरू होकर सांय 4.05 तक चलेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / Dr. Ashish Vashisht

   

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