तुफान का कहर, संस्कृति सदन मंडी का पेड़ गिरने से क्षतिग्रस्त

मंडी, 17 अप्रैल (हि.स.)। बुधवार की रात को मंडी जिले में तुफान के कहर ने खूब तबाही मचाई। हजारों पेड़ जड़ से उखड़ गए, टहनियां टूट कर मकानों पर जा गिरी, हजारों होर्डिंग तुफान में उड़ गए, टीन की कई छत्तें हवा में लहराते हुए दूर जा पहुंची। रात को ही बिजली गुल हो गई जो गुरूवार को देरी से बहाल हो पाई। मंडी के कांगनीधार में 35 करोड़ से निर्मित हुआ संस्कृति सदन चारों तरफ से चीड़ के पेड़ गिरने से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। लाखों का नुकसान इस भवन का हुआ है। अभी भी इस अति महत्वपूर्ण भवन के चारों तरफ खतरनाक पेड़ हैं जो आने वाले दिनों में भी कहर बरपा सकते हैं।

इस सदन में भाषा एवं संस्कृति विभाग व जल शक्ति विभाग के कार्यालय भी चल रहे हैं, आडिटोरियम में भी कार्यक्रम चलते रहते हैं, विश्राम गृह भी इसके अंदर बना हुआ है। गनीमत यह रही कि तुफान रात के वक्त आया, अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता था। इस बहुमंजिला भवन के क्षतिग्रस्त हो जाने से अब असुरक्षा की स्थिति पैदा हो गई है। लाखों खर्च करके ही इसकी मरम्मत हो पाएगी।

विभागों ने उपायुक्त को इसकी रिपोर्ट भेज दी है तथा खतरनाक पेड़ों को हटाने की भी मांग की गई है। यह भी पता चला है कि काफी अरसे से वन विभाग से गुहार लगाई जा रही थी कि इन खतरनाक पेड़ों को हटाया जाए मगर ऐसा हो नहीं सका और इस तुफान के कहर से टूटे पेड़ों ने तीन साल पहले बने इस आलीशान भवन को बुरी तरह से तोड़ डाला। पूरे जिले में तुफान के कहर से भारी नुकसान की खबर है। बिजली के खंबे उखड़ जाने से जगह जगह बिजली गुल है। रात भर बिजली गुल रहने व दिन को भी देर से आने के चलते लोग सुबह नहाने धोने का काम भी नहीं कर पाए। मोबाइल भी चार्ज नहीं हुए। पूरा जनजीवन ही इस तूफान ने अस्त व्यस्त कर दिया। रात को व्यावसायिक परिसरों के बाहर रखे होर्डिंग बैनर या बोर्ड सुबह तूफान के कहर के चलते गायब पाए गए। सड़कों पर पेड़ों की टहनियां, तारें , फलैक्स, टीनें आदि ही नजर आती रही। साथ में बारिश भी जमकर हुई, जिससे गंदम की खड़ी फसल को भी नुकसान पहुंचा। तुफान व बारिश से फलदार पौधों को भी नुकसान हुआ। कई जगह तो फलों के साथ साथ पते भी जमीं पर जा पहुंचे। किसी तरह की जानी नुकसान की खबर नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

   

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