टीचर को 87 लाख नहीं दिए, कलेक्टर की गाड़ी और जिला परिषद की बिल्डिंग की होगी कुर्की

भरतपुर, 6 दिसंबर (हि.स.)। शहर की अदालत ने जिला परिषद की बिल्डिंग के साथ कलेक्टर और बीडीओ की गाड़ी कुर्क करने के आदेश दिए हैं। एसीजेएम कोर्ट ने ये आदेश शिक्षा विभाग के एक टीचर को करीब 86.51 लाख रुपये का भुगतान नहीं करने पर जारी किए हैं।

कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को जिला परिषद की बिल्डिंग पर कुर्की का नोटिस चस्पां कर दिया गया। कलेक्टर अमित यादव और बीडीओ अपने कार्यालय में नहीं मिले। इस वजह से उनकी गाड़ी पर नोटिस चस्पां नहीं किया जा सका।

भरतपुर के अवार गांव निवासी महेश चंद शर्मा की साल 1990 में ग्रेड थर्ड टीचर के रूप में नौकरी लगी थी। पहली पोस्टिंग कुम्हेर इलाके के किशनपुरा गांव के प्राथमिक विद्यालय में मिली थी।

दो साल नौकरी करने के बाद 1992 में तत्कालीन ब्लॉक डवलपमेंट ऑफिसर (बीडीओ) ने महेश शर्मा की बीएड की डिग्री फर्जी बताते हुए आदेश निकालकर बिना किसी नोटिस दिए उन्हें कार्य मुक्त कर दिया था।

शिक्षा विभाग ने उनके खिलाफ कुम्हेर थाने में फर्जी डिग्री को लेकर एफआईआर दर्ज करवा दी। लेकिन, जांच में मामला झूठा निकला और वे साल 1994 में कोर्ट से बरी हो गए।

महेश चंद शर्मा (64) ने बताया कि साल 1994 में शिक्षा विभाग पर मुकदमा किया। इसमें बताया कि मेरी डिग्री फर्जी नहीं है। मेरे खिलाफ जो कार्रवाई की गई है, वह गलत है। यह मुकदमा भरतपुर के कोर्ट एडीजे संख्या-1 में चला। साल 2018 में मुकदमा जीत गया।

कोर्ट ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि महेश शर्मा को सभी लाभ-परिलाभ दिए जाएं। कोर्ट ने करीब 86.51 लाख रुपये महेश शर्मा को देने के आदेश दिए। साथ ही कहा कि उन्हें नौकरी पर बहाल किया जाए।

शिक्षा विभाग इस आदेश के खिलाफ 2018 में हाईकोर्ट चला गया। शिक्षा विभाग की हाईकोर्ट में अपील खारिज हो गई। 2022 में शिक्षा विभाग हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चला गया।

वहां भी शिक्षा विभाग की अपील खारिज हो गई। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए कि तीन महीने के अंदर महेश शर्मा को सभी लाभ-परिलाभ दिए जाएं। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना नहीं हुई।

इस बीच, नवंबर 2020 में महेश शर्मा का रिटायरमेंट हो गया।

महेश शर्मा के वकील मनीष शर्मा ने बताया कि आदेश की पालना नहीं होने पर एसीजेएम-01 में एक याचिका पेश की गई। कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया कि जिला परिषद की बिल्डिंग, बीडीओ की गाड़ी और कलेक्टर की गाड़ी को कुर्क कर दिया जाए।

आज जिला परिषद की बिल्डिंग पर कोर्ट की ओर से कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया। कलेक्टर दिल्ली गए हुए थे। बीडीओ कहीं मीटिंग में थे। दोनों अधिकारियों के पीए को इसकी सूचना दे दी गई है। उनकी गाड़ी पर सोमवार को नोटिस चस्पां किया जाएगा।

नोटिस में जिला परिषद, कलेक्टर और बीडीओ को 30 दिन का समय दिया गया है। अगर 30 दिन में महेश शर्मा का पेमेंट नहीं होता है तो नीलामी की कार्रवाई की जाएगी।

वकील मनीष शर्मा ने बताया कि साल 2010 से पहले प्राइमरी सेक्शन जिला परिषद के अधीन आता था। जिला परिषद सीओ ही उनका नियुक्ति अधिकारी हुआ करता था। 2010 के बाद इसे एजुकेशन सिस्टम (शिक्षा विभाग) में लाया गया। इसलिए कोर्ट ने जिला परिषद को पार्टी बनाया था। कलेक्टर जिले का प्रमुख होता है। कलेक्टर के अधीन सभी विभाग आते हैं, इसलिए कोर्ट ने उन्हें पार्टी बनाया।

भरतपुर जिला न्यायालय के सेल अमीन विकास आनंद शर्मा ने बताया कि एसीजेएम प्रथम, भरतपुर की ओर से मुझे वारंट प्राप्त हुआ है। इसके बाद 21 रूल 54 के तहत मैंने जिला परिषद, भरतपुर का भवन कुर्क किया है। उसके बाद 21 रूल 30 के तहत अधिकारियों के वाहनों को कुर्क किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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