चम्पावत, 6 अक्टूबर (हि.स.)। नर्सिंग कॉलेज चंपावत में रविवार को राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी), शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार एवं जिला प्रशासन चंपावत के संयुक्त तत्वावधान में विद्यार्थियों के लिए पुस्तक प्रदर्शनी आयोजित की गई।
पुस्तक प्रदर्शनी का वर्चुअली शुभारंभ करते हुए यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने एनबीटी की पहल के लिए बधाई देते हुए कहा कि पुस्तक ही जीवन को बेहतर बनाने का आधार हैं, इसलिए हम सभी को पुस्तकों से मित्रता करनी चाहिए।
उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय में धर्म गूंज नामक ऐतिहासिक पुस्तकालय का उदाहरण देते हुए कहा कि इस पुस्तकालय में विद्यार्थी साइकोलॉजी, लिटरेचर, एस्ट्रोलॉजी, एस्ट्रोनॉमी, लॉ, इतिहास, साइंस, मैथ्स, वारफेयर, इकोनॉमिक, आर्किटेक्चर, मेडिसिन, लैंग्वेज साइंस समेत कई विषयों में ज्ञान प्राप्त करते थे।
नालंदा पुस्तकालय जैसी विश्व की अनमोल विरासत हमारे पास है और राग दरबारी जैसी अनेक पुस्तकें हमारी धरोहर हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तकों को पढ़ने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है इसलिए पुस्तकों से कभी दूर न रहें।
पुस्तक प्रदर्शनी में उपस्थित सहायक परिजोजना निदेशक विमी जोशी ने कहा कि आज के समय में एक ओर जहां इंटरनेट का युग है वहीं दूसरी ओर पुस्तकें इंटरनेट की तुलना में गहन जानकारी देने में सक्षम हैं। पुस्तकें जीवन को सफलता की ओर ले जाती हैं, इसलिए जरूरी है कि किताबें पढ़ते रहें। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में एनबीटी के योगदान को बहुत महत्वपूर्ण बताया।
भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री मुकेश कलखुड़िया ने विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि पढ़ाई में ध्यान दें और कहा कि प्रत्येक माता–पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे ऊंचे पदों पर आसीन हों। उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि पुस्तकों को अपना दोस्त बनाएं, और सपनों को साकार करें।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट, सोशल मीडिया आदि का सदुपयोग करें। अध्ययन हेतु छात्र–छात्राओं को किसी भी प्रकार की सहायता की जरूरत हो तो नि:संकोच प्राचार्य डॉ. रश्मि रावत से कहें।
प्राचार्य डॉ. रश्मि रावत ने नर्सिंग कॉलेज, चम्पावत में आयोजित की गई पुस्तक प्रदर्शनी हेतु जिलाधिकारी नवनीत पाण्डेय और नेशनल बुक ट्रस्ट का आभार जताया और कहा कि बच्चों को पुस्तकें पढ़ने की आदत डालने के लिए जरूरी है कि सोने से पहले कुछ पढ़ कर ही सोएं।
आदर्श चम्पावत के समन्वयक इंद्रेश लोहनी ने मुख्यमंत्री के वाक्य *बुके की जगह बुक* को चरितार्थ करते हुए आगंतुक अतिथियों को पुस्तक भेंट की, साथ ही एनबीटी प्रतिनिधि उपेंद्र सिंह और प्रेम चन्द्र ने जिला प्रशासन के सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पुस्तक प्रदर्शनी का उद्देश्य है कि लोगों में पुस्तकें पढ़ने की रुचि पैदा हो, जिससे विद्यार्थी अपने जीवन का सही मार्ग तलाश सके।
रीड्स सामाजिक संस्था की प्रतिनिधि दीपिका भट्ट और पूजा लोहनी ने कहा कि एनबीटी पुस्तकों के प्रचार–प्रसार हेतु सदैव तत्पर है और आगे भी रहेगी। उन्होंने एनबीटी को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके द्वारा सस्ती और अच्छी गुणवत्ता वाली 55 भाषाओं में पुस्तकों का प्रकाशन कर देश के विभिन्न संस्थानों में पुस्तक प्रदर्शनी विगत वर्षों से लगाई जा रही है जो कि शिक्षा के क्षेत्र में एनबीटी की सराहनीय पहल है।
पुस्तक प्रदर्शनी में शिक्षक राजेंद्र गड़कोटी, संतोष कर्नाटक, गुंजन बोहरा, चित्रांशी लोहनी, ललिता आर्य, ममता पापरा, कनिका बनकोटी, प्राची आर्या, गरिमा भट्ट, गुंजन धौनी, ख्याति पांडेय, प्रिया शर्मा, अन्नू, नीलम सती, प्रियंका बेलवाल, निहारिका गड़कोटी आदि उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजीव मुरारी