भारत भूमि से माउंट कैलाश यात्रा, ओल्ड लिपुलेख से दर्शन कर श्रद्धालु अभिभूत

कैलाश पर्वत के दर्शन करते श्रद्धालु।

माउंट कैलाश, आदि कैलाश एवं ऊं पर्वत का दर्शन कर श्रद्धालु बोले- हुई स्वर्ग की प्राप्ति

चार रात-पांच दिन के पैकेज में माउंट कैलाश यात्रा को पहुंचा पांच सदस्यीय पहला द​ल

प्रथम दल में मध्य प्रदेश, राजस्थान व चंडीगढ़ के श्रद्धालुओं ने किया दर्शन

देहरादून, 03 अक्टूबर (हि.स.)। भारत भूमि से पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन करने का शिवभक्तों का सपना अब पूरा हो गया है। शारदीय नवरात्र के पहले दिन यात्रियों के पांच सदस्यीय दल ने पिथौरागढ़ स्थित ओल्ड लिपुलेख से माउंट कैलाश के दर्शन किए। आदि कैलाश एवं ऊं पर्वत के भी दर्शन किए। दिव्य दर्शन कर श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।

उत्तराखंड विकास परिषद की पहल पर कुमाऊं मंडल विकास निगम ने माउंट कैलाश के दर्शन के लिए पांच दिवसीय टूर पैकेज बनाया है। इस पैकेज में भगवान शिव के दो अन्य धाम आदि कैलाश एवं ऊं पर्वत के दर्शन भी सम्मिलित हैं। पैकेज के तहत यात्रियों के पहले पांच सदस्यीय ग्रुप ने गुरुवार को माउंट कैलाश के दर्शन किए। यात्रियों के ग्रुप को गत बुधवार को हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ के गूंजी नामक स्थान पर पहुंचाया गया। गुरुवार को सभी यात्रियों को सड़क मार्ग से ओल्ड लिपुलेख से ऊं पर्वत और माउंट कैलाश के दर्शन कराए गए। चार अक्टूबर को इन सभी यात्रियों को जौलिकांग से आदि कैलाश के दर्शन कराकर गूंजी में रात्रि विश्राम कराया जाएगा। इसके बाद पांच अक्टूबर को सभी यात्रियों को हेलीकाॅप्टर से वापस पिथौरागढ़ पहुंचाया जाएगा।

माउंट कैलाश यात्रा दर्शन को आए श्रद्धालु नीरज मनोहर लाल चौकसे ने बताया कि भगवान शिव के इन पवित्र धामों के दर्शन कर उनको बेहद सुख की अनुभूति हुई। माउंट कैलाश, आदि कैलाश एवं ऊं पर्वत के अलौकिक सौंदर्य के दर्शन कर वे मंत्रमुग्ध हो गए। वहीं श्रद्धालु अमनदीप कुमार जिंदल ने बताया कि भगवान शिव के इन धामों के दर्शन कर मानो स्वर्ग की प्राप्ति हो चुकी है। प्रकृति के इस विहंगम दृश्य को देखते ही मन को अलग ही सुख की प्राप्ति हो रही है। उन्होंने इस यात्रा को संचालित करने के लिए सरकार को धन्यवाद भी ज्ञापित किया।

मुख्यमंत्री धामी बोले- और सुगम बनाएंगे माउंट कैलाश यात्रा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुशी व्यक्त करते हुए पर्यटन विभाग, आईटीबीपी, जिला प्रशासन का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इस पहल के तहत सरकार सीमांत गांवों में पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय निवासियों के पलायन की समस्या रोकने की दिशा में कार्य कर रही है। साथ ही उन्होंने इस यात्रा को और भी अधिक सुगम बनाने के लिए सुविधाओं को विकसित करने की बात कही।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, रुकेगा पलायन, खुलेंगे रोजगार के द्वार

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यात्रा के सफल संचालन के लिए बधाई दी और कहा कि सभी के अथक प्रयासों से ही इस यात्रा का संचालन संभव हो पाया। इस यात्रा से राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही क्षेत्रीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

चार अक्टूबर को पिथौरागढ़ पहुंचेगा दूसरा दल

आदि कैलाश, माउंट कैलाश एवं ऊं पर्वत के दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों का दूसरा दल चार अक्टूबर को पिथौरागढ़ पहुंचेगा। दर्शन के उपरांत तीर्थयात्रियों को हेलीकाॅप्टर से गूंजी पहुंचाया जाएगा।

पहले यात्रा के लिए पार करना पड़ता था चीन बार्डर

कोरोना काल से पहले तक केंद्र सरकार कुमाऊं मंडल विकास निगम के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा कराती थी। तब शिवभक्त लिपुपास से पैदल यात्रा कर चीन बार्डर पार कर कैलाश मानसरोवर के दर्शन करते थे। कोरोना काल के बाद से यह यात्रा बंद पड़ी हुई है। वहीं दूसरी ओर भारत चीन विवाद के कारण अभी तक चीन सरकार ने भारत सरकार को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए अपनी सहमति नहीं दी है। लंबे समय से शिवभक्त कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने को आतुर थे। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत भूमि से ही श्रद्धालुओं को पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन कराने का फैसला लिया।

ग्रामीणों ने खोजा व्यू प्वाइंट

पिथौरागढ़ जिले के ग्रामीणों ने 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों पर एक ऐसा व्यू प्वाइंट खोजा, जहां से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची अफसरों और विशेषज्ञों की टीम ने रोड मैप, लोगों के ठहरने की व्यवस्था, दर्शन के प्वाइंट तक जाने का रूट सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए सर्वे किया, फिर केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद उत्तराखंड शासन ने 15 सितंबर से ओल्ड लिपुपास को श्रद्धालुओं के लिए खोलने का फैसला लिया।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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