राहुल गांधी ने धारावी के चमार स्टूडियो का दौरा किया और कारीगरों से बातचीत की

मुंबई, 06 मार्च (हि.स.)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी ने गुरुवार को मुंबई के धारावी में स्थित चमार स्टूडियो का दौरा किया। इसके बाद राहुल गांधी ने डिजाइनर सुधीर राजभर और उनकी टीम के कारीगरों से बातचीत की।

बता दें चमार स्टूडियो अपने रचनात्मक दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें वह रीसाइकल टायरों का उपयोग करके हैंड बैग बनाते हैं। यह स्टूडियो उस दलित, चमड़े के कारीगर समुदाय की परंपरा को संरक्षित करता है, जिसके नाम पर इसका नाम रखा गया है। पारंपरिक हस्तकला को आधुनिक व्यापार से जोडक़र, यह स्टूडियो न केवल इस समृद्ध परंपरा को सम्मानित करता है, बल्कि धारावी के कुशल कारीगरों को आर्थिक सशक्तिकरण भी प्रदान करता है ।

राहुल गांधी जी ने समावेशी उत्पादन नेटवर्क के महत्व पर जोर दिया, जो वंचित उद्यमियों, विशेष रूप से दलितों और अन्य कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों को समान अवसर सुनिश्चित करता है, जिन्हें बाज़ार तक पहुंच और समर्थन कठिनाई से मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि चमार स्टूडियो उनके समृद्धि और हिस्सेदारी के विजऩ का एक उदाहरण है- एक ऐसा मॉडल जिसमें कारीगरों को आवश्यक उपकरण, नेटवर्क और संस्थागत समर्थन प्राप्त होता है, जिससे वो अपने काम को वैश्विक स्तर पर ले जा सकते हैं।

इस विजन की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, उनके साथ उत्तर प्रदेश के कुशल मोची रामचेत मोची जी भी थे। उनसे उनकी पहली मुलाकात पिछले साल हुई थी, जिसके बाद से वे उन्हें लगातार मार्गदर्शन दे रहे हैं। इस दौरे में रामचेत की भागीदारी ने कारीगरों के बीच ज्ञान साझा करने की सोच को बढ़ावा दिया और यह दिखाया कि पारंपरिक कारीगरों को अपनी पहुंच बढ़ाने और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए सहयोग का एक नेटवर्क बनाना कितना ज़रूरी है। राहुल गांधी के इस दौरे ने उनके इस निरंतर संकल्प को दोहराया कि वे भारत के कारीगरों के लिए स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने, भारत के रचनात्मक उद्योगों को मजबूत करने और समाज के सभी वर्गों के लिए समान आर्थिक विकास सुनिश्चित करने की दिशा में काम करते रहेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव

   

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