राज्यसभा में संविधान की नई प्रतियों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार 

नई दिल्ली, 11 फरवरी (हि.स.)। राज्यसभा में मंगलवार को भारतीय संविधान की छप रही नई प्रतियों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार देखने को मिली। विपक्ष ने इसे बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को विवाद में लाने की कोशिश बताया। वहीं, सत्ता पक्ष ने विपक्ष के रुख पर सवाल उठाते हुए कहा कि इनको तकलीफ क्यों हो रही है। विपक्षी कांग्रेस के सदस्य सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर गए। सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के वॉकआउट को बाबा साहब का सीधा अपमान बताया।

भाजपा सदस्य डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने संविधान की मूल प्रति पर इलस्ट्रेशन होने का उल्लेख करते हुए कहा कि जो प्रतियां छप रही हैं और प्रसारित हो रही हैं, उन पर ये इलस्ट्रेशन नहीं छप रहे हैं। उन्होंने मोहन जोदड़ो की सभ्यता से लेकर भगवान राम के अयोध्या लौटने, कुरुक्षेत्र में अर्जुन को उपदेश देते भगवान श्रीकृष्ण से लेकर भगवान बुद्ध तक की तस्वीरें छप रहे संविधान पर नहीं होने का मुद्दा उठाया। इस पर सभापति धनखड़ ने कहा कि भारत के संविधान, जो हस्ताक्षरित है, वही हमारा संविधान है। जिस प्रति पर संविधान के निर्माताओं ने दस्तखत किए हैं, उसका अभिन्न अंग है। 22 कृतियां जो भारत की सांस्कृतिक यात्रा के 5000 साल दर्शाती हैं।

उन्होंने कहा कि संसद ने जो संशोधन किए हैं, उनके साथ जो संविधान है, वही वास्तविक संविधान है और उनके साथ ही संविधान को प्रसारित, प्रचारित किया जाना चाहिए। आजकल जो लोग संविधान की प्रतियां लेकर चल रहे हैं, उनमें वो 22 कृतियां दिखाई नहीं देती हैं। संविधान निर्माताओं की हस्ताक्षरित प्रति ही असली है।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि बाबा साहब के संविधान को ये अनावश्यक विवाद में लाना चाहते हैं। यह आंबेडकर को बदनाम करने की कोशिश है ।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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