श्री रणबीर परिसर जम्मू में दो दिवसीय राज्य स्तरीय शास्त्र प्रतियोगिता का शुभारंभ

जम्मू 11 जनवरी (हि.स.)। बहुप्रतीक्षित62 वे राज्य स्तरीय शास्त्र प्रतियोगिता का शुक्रवार को श्री रणबीर परिसर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय कोट भलवल जम्मू में शुभारंभ हुआ। दो दिवसीय इस कार्यक्रम का उद्घाटन श्री श्याम लाल शर्मा जम्मू उत्तर के विधायक ने किया जिसमें राज्य भर से आए गणमान्य अतिथियों, विद्वानों और प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं वैदिक मंगलाचरण के साथ किया गया।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री श्याम लाल शर्मा ने इस प्रतिष्ठित संस्थान की पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और उसे विद्यार्थियों तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने ऐसे आयोजनों के सांस्कृतिक और बौद्धिक महत्व पर प्रकाश डाला और इसे संस्कृत अध्ययन के महाकुंभ की तरह बताया। उन्होंने प्रतिभागियों और आयोजकों को बधाई दी और संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के निरंतर प्रयासों की प्रशंसा की। इसके साथ हीए उन्होंने परिसर में विद्यार्थियों के लिए एक यज्ञशाला बनाने का भी वादा किया।

कार्यक्रम के समन्वयक डॉ प्रमोद शुक्ला थे। कार्यक्रम की शुरुआत प्रो सतीश कुमार कपूर द्वारा औपचारिक स्वागत भाषण से हुई। प्रो श्रीधर मिश्रा, श्री रणबीर परिसर के निदेशक ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने संस्कृत आधारित अध्ययन की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने अनुशासन समर्पण और संस्कृत सीखने की प्रबल इच्छा को संस्कृत को भारत की प्रमुख संवादात्मक भाषा बनाने की नींव बताया।

इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित विद्वानों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जिनमें प्रो विष्णु कांत पांडेय, प्रो राम कुमार शर्मा जयपुर परिसर, प्रो सूर्य मणि रथ और प्रो सच्चिदानंद शर्मा शामिल थे। इन विद्वानों ने अपने विचारों से कार्यक्रम को बौद्धिक गहराई प्रदान की।

इन दो दिनों में 34 शास्त्रीय प्रतियोगिताएं विभिन्न श्रेणियों में आयोजित की जाएंगी जो विद्यार्थियों को अपने ज्ञान और कौशल को प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करेंगी। इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को इस वर्ष फरवरी.मार्च में हरिद्वार में आयोजित होने वाली अखिल भारतीय शास्त्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने का गौरव प्राप्त होगा।

कार्यक्रम का संचालन सर्वेश कुमार त्रिपाठी ने कुशलतापूर्वक किया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों, शिक्षकों और गैर.शिक्षण कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। श्री वैष्णो देवी संस्कृत गुरुकुल, कटरा, चूड़ामणि संस्कृत गुरुकुल, बसोहली और मेज़बान संस्थान श्री रणबीर परिसर, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम की जीवंतता को और बढ़ाया।

कार्यक्रम का पहला दिन विचारों के जीवंत आदान.प्रदान के साथ संस्कृत की बौद्धिक और सांस्कृतिक विरासत को मनाने के लिए समर्पित रहा। यह दो दिवसीय कार्यक्रम शास्त्रीय अध्ययन में गहरी रुचि को प्रेरित करने और विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धात्मक भावना को प्रोत्साहित करने का वादा करता है।

हिन्दुस्थान समाचार / मोनिका रानी

   

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