रेबीज से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी: सीएमओ

नाहन, 10 फ़रवरी (हि.स.)। कुत्तों या उनके वर्ग केनाइन के काटने, खरोंचने या चाटने से रेबीज नामक खतरनाक वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है, जो जानलेवा भी हो सकता है। इस गंभीर बीमारी से बचाव और इलाज के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग सिरमौर ने अपने कर्मचारियों के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया।

इस शिविर में ऑडियो-वीडियो माध्यम से स्वास्थ्य कर्मियों को रेबीज के फैलने, उसके लक्षणों और रोकथाम के तरीकों की विस्तृत जानकारी दी गई। जिलेभर के स्वास्थ्य कर्मियों ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अजय पाठक ने बताया कि रेबीज एक अत्यंत खतरनाक वायरस है, जो संक्रमित कुत्तों या अन्य केनाइन प्रजाति के जानवरों के काटने या चाटने से शरीर में प्रवेश कर सकता है। इसी विषय पर जागरूकता बढ़ाने के लिए यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है।

काटने पर तुरंत करें यह उपाय

डॉ. पाठक ने बताया कि यदि किसी को कुत्ता काट ले या चाट ले तो घबराने के बजाय सबसे पहले उस स्थान को कम से कम 10-15 मिनट तक साबुन और पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए। इसके बाद बिना देरी किए नजदीकी अस्पताल जाकर चिकित्सकीय परामर्श लेना आवश्यक है।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों में रेबीज की दवाएं और इंजेक्शन उपलब्ध कराए हैं ताकि समय पर इलाज मिल सके। उन्होंने बताया कि रेबीज केवल काटने से ही नहीं, बल्कि संक्रमित कुत्ते के खरोंचने या चाटने से भी फैल सकता है, इसलिए अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।

घाव को ढककर न रखें

रेबीज के वायरस का असर सीधे नसों के माध्यम से दिमाग तक पहुंचता है, इसलिए घाव को खुला रखना जरूरी है। अस्पताल में डॉक्टर घाव की ग्रेडिंग के आधार पर इलाज करते हैं, जिसका सही तरीके से पालन करना चाहिए।

सीएमओ ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित कर आमजन को भी इस घातक बीमारी के प्रति जागरूक बनाना है, ताकि समय पर सही इलाज मिल सके और रेबीज से होने वाली जटिलताओं से बचा जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर

   

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