बार-बार चुनाव से भारत का लोकतंत्र चुनाव तंत्र बन गया : शान्ता कुमार

शिमला, 19 सितंबर (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि भारत सरकार का एक देश एक चुनाव का महत्वपूर्ण निर्णय एक ऐतिहासिक क्रान्तिकारी और मोदी के 370 जैसे असम्भव दिखने वाले निर्णय को सम्भव बना कर दिखाने के साहस का परिचायक है।

शान्ता कुमार ने वीरवार काे एक बयान में कहा कि हर साल कई जगह चुनाव करवाते रहने के कारण भारत का लोकतंत्र चुनाव तंत्र बन कर रह गया था। बार-बार चुनाव में 10 हजार करोड़ रू0 खर्च होने की बजाए एक बार चुनाव करवाने पर केवल चार हजार करोड़ रू0 खर्च होंगे। यह 6 हजार करोड़ रू0 की बचत केवल सरकार की बचत है। सभी पार्टियों और उम्मीदवारों द्वारा हजारों नही लाखों करोड़ो रू0 चुनाव पर खर्च होते है। बचत की इस अधिकता का अनुमान लगाना भी कठिन है।

शान्ता कुमार ने कहा कि हर चुनाव में काले धन के बहुत अधिक उपयोग से कुछ नेताओं के लिए हर चुनाव कमाई का साधन बन गया था, वे नेता इस निर्णय से अवष्य परेषान होंगे।

उन्हाेने कहा कि बार बार चुनाव से पूरे पांच साल पूरा देश चुनाव मोड में रहता है। अब पांच साल में एक बार चुनाव और उसके बाद पूरा समय केवल विकास के लिए होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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