बीकानेर में सत्तर फीट जमीन धंसने के कारणों को जानने पहुंची जियोलॉजिकल सर्वे की टीम

बीकानेर, 25 अप्रैल (हि.स.)। जिले की लूणकरणसर तहसील के सहजरासर गांव में 16 अप्रैल को करीब डेढ़ बीघा जमीन धंस गई थी। गुरुवार को जीएसआई यानी जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम मौके पर पहुंची है। जमीन धंसने के कारणों का पता लगा रही है। प्राथमिक दौर पर जीएसआई टीम का मानना है कि किसी जमाने में इस जमीन के नीचे पानी का भंडारण रहा होगा, जिसकी वजह से जमीन में पोलापन आ गया. अचानक से जमीन धंस गई, लेकिन असली कारण पूरी जांच पड़ताल करने पर ही मालूम होगा। टीम दो दिन रहकर जमीन धंसने की वजह की तलाश करेगी।

चुनाव के कारण जांच में हुई देरी

लोकसभा चुनाव की वजह से जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम देरी से पहुंची। एसडीएम राजेन्द्र कुमार पूरे मामले पर नज़र रखे हुए हैं। अब जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम आ कर इस पूरे मामले की जांच कर रही है। जमीन धंस जाने का असली कारण पता चल पाएगा. हालांकि, एहतियात के तौर पर धंसी हुई जमीन के चारों ओर तारबंदी करवा दी गई है और पुलिस का पहरा भी बिठा दिया गया है, ताकि कोई अनहोनी ना हो।

डेढ़ बीघा जमीन में 70 फीट गहरा गड्ढा हो गया

लूणकरणसर तहसील से 25 किलोमीटर दूर सहजरासर गांव है। सोलह अप्रैल को सहजरासर गांव की एक ढाणी के पास अचानक जमीन धंस गई थी, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी। एसडीएम राजेन्द्र कुमार ने धारा 144 लगा दी थी. लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी थी।

बीकानेर से आए भू-वैज्ञानिकों ने वॉटर लॉगिंग को जमीन के धंसने की वजह बताई थी, वहीं स्थानीय लोग इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं. उनका ये कहना है कि ये इलाक़ा रेगिस्तान है और सदियों से ऐसा ही रहा है। ऐसे जमीन के नीचे पानी के जमा होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। कुछ लोग इसे प्राकृतिक आपदा मान रहे हैं, वहीं कई लोग इसे दैवीय प्रकोप भी कह रहे हैं. सबके अपने-अपने तर्क हैं. लेकिन वैज्ञानिक कारण तो जांच के बाद ही पता चलेगा।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने पीएम मोदी को भेजा पत्र

लूणकरणसर के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता श्रेयांश बैद ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र भेजा था। वैज्ञानिक तरीके से जांच कराने की मांग की थी। उनका कहना है कि ये प्राकृतिक आपदा है. लेकिन, कारणों की जांच होनी.चाहिए, जिससे आने वाले वक़्त में कोई हादसा ना हो. साथ ही अगर कोई हादसा होता है तो लोग अपना बचाव कर सकें।

अचानक हुई भूगर्भीय घटना ने लोगों को हैरत में डाला

डेढ़ बीघा जमीन में अचानक 70 फीट नीचे धंसने की घटना लोगों के लिए आश्चर्य का विषय बन गई। आसपास के लोगों ने क्षेत्र में कई सालों पहले बिजली गिरी थी. ग्रामीणों का मानना है कि इस वजह से हर साल मिट्टी धंसती गई। इसके चलते लोगों ने इस स्थान को 'बिजलगढ़' का नाम दे दिया। लोगों ने बताया कि जमीन धंसने की घटना को लेकर उन्होंने कई बार प्रशासन को इस मामले की सूचना दी है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप

   

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