(अपडेट) नैनीताल जनपद में नये पेयजल संयोजनों, लाइनों में पंपों तथा धुलाई-सिंचाई में प्रयोग प्रतिबंधित

-पाइप लाइनों में लीकेज पर जल संस्थान के संबंधित अधिकारी माने जाएंगे जिम्मेदार

नैनीताल, 25 अप्रैल (हि.स.)। गर्मियों के मौसम में जल स्रोतों, नदियों, नहरों और तालाबों इत्यादि के जल स्तर में निरन्तर गिरावट आ रही है और पेयजल की किल्लत होने लगी है। पेयजल की इस समस्या के निदान हेतु नैनीताल की जिलाधिकारी ने जनपद के नये जल संयोजनों पर व पानी की लाइनों से पानी खींचने के लिये पम्प का उपयोग तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ पूर्व में स्वीकृत भवन निर्माणों को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा सर्विस सेंटरों पर वाहनों की धुलाई पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। सिंचाई व धुलाई जैसे कार्यों में भी पेयजल का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा।

इस संबंध में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने उत्तराखंड जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं। बताया है कि वाहनों की केवल ड्राई वाश करने की अनुमति रहेगी। यह भी कहा है कि यदि प्रतिबंधित प्रयोजनों के लिये हेतु पानी का उपयोग किये जाने पर दंडात्मक कार्यवाही के साथ जल संयोजन विच्छेदित कर दिया जाए। बताया कि जल संयोजनामें में पम्प का प्रयोग करने पर पम्प जब्त कर जल संयोजन काटने की कार्यवाही की जाएगी। इसके अतिरिक्त छत की टंकियों से पानी गिरता पाये जाने पर भी दंडात्मक कार्यवाही एवं जल संयोजन विच्छेदित करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने मुख्य वितरण पाईप लाईनों में लीकेजों को तत्काल बंद करवाने के भी आदेश देते हुये पेयजल लाइनों में लीकेज पाये जाने पर जल संस्थान के संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने की बात भी कही है।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी/रामानुज

   

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