कन्नौज: नामांकन कर अखिलेश ने कहा, फिर इतिहास दोहराया जाएगा

- चाचा शिवपाल ने शेयर कर दिया आशीर्वाद बोले विजयी भव: सर्वदा

कन्नौज, 25 अप्रैल (हि.स.)। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज से गुरुवार को नामांकन दाखिल कर दिया। वह दोपहर 12 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे। उनके साथ चाचा प्रो. रामगोपाल यादव भी थे। कलेक्ट्रेट में भारी संख्या में समर्थकों ने फूल बरसाकर सपा अध्यक्ष का स्वागत किया। ढोल-नगाड़े बजाए। अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप यादव नामांकन में शामिल नहीं हुए।

रुझान देखकर भाजपा के नेताओं की भाषा बदली

अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव रुझानों को देखकर भाजपा नेताओं की भाषा बदल गई। कन्नौज की क्रांति आएगी। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान-पाकिस्तान की बातें करने वाले लोग बेरोजगारों की बात नहीं कर रहे। पेपर लीक करवा रहे हैं ताकि नौकरी न देनी पड़े।

भाजपा के लोग टैक्स के नाम पर पैसा वसूल रहे हैं। जीएसटी देने वालों को जीएसटी चोरी करना इन लोगों ने सिखाया। देर से नाम घोषित करने के सवाल पर बोले कि हथौड़ा तब मारना चाहिए, जब लोहा गर्म हो और हमने वही काम किया है।

अखिलेश ने कहा कि मैं अभी नामांकन करके आ रहा हूं। पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और सभी की भावनाएं यह थी कि मुझे यहां से चुनाव लड़ना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि मुझे यहां से आशीर्वाद मिलेगा। मैं कन्नौज के विकास के लिए काम करूंगा। यहां का व्यापारी जिस सड़क पर चलता है, वो समाजवादी पार्टी की देन है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि पांडु नदी, काली नदी और ईशन नदी पर समाजवादियों ने पुल बनाने का काम किया था। हमने रसूलाबाद में हवाई पट्टी बनवाई थी। जिस पर महज भाजपा की ओर से एक बार हवाई जहाज उतारा गया। सुरक्षा के लिहाज से गंगा पार हमने रनवे बनवाया था। उस पर भी भाजपा ने कोई काम नहीं किया।

अब भी कन्नौज सपा का गढ़ है

रामगोपाल यादव ने कन्नौज से भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक के बयान पर कहा कि अब भी कन्नौज सपा का गढ़ है। जो जीत गया वह उसकी पहली और आखिरी जीत थी। उनके (सुब्रत पाठक) दिमाग में फितूर हो गया है। बता दें कि सुब्रत पाठक ने कहा था कि सपा सांप्रदायिकता, जातिवाद और परिवारवाद की पाठशाला से निकली है।

शिवपाल ने भतीजे को जीत का आशीर्वाद दिया

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नामांकन से पहले सोशल मीडिया पर 24 साल पहले किये गए कन्नौज से अपने नामांकन की फोटो एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, फिर इतिहास दोहराया जाएगा। अब नया भविष्य बनाया जाएगा। इसके बाद चाचा शिवपाल ने भतीजे अखिलेश की पोस्ट को शेयर कर लिखा- विजय भवः सर्वदा।

सपा ने 7 सेट में खरीदा था नामांकन पत्र

कन्नौज के लिए मंगलवार को सपा के चार कार्यकर्ताओं ने सात सेट में नामांकन पत्र खरीदा था। सूत्रों ने बताया कि इसमें अखिलेश यादव के नाम का भी पर्चा था। सामान्य तौर पर एक प्रत्याशी चार सेट में ही नामांकन पत्र खरीदता है। ऐसे में वहां से सात सेट खरीदने के बाद अखिलेश के चुनाव लड़ने की चर्चा शुरू हो गई थी।

मंगलवार देर रात अखिलेश ने लखनऊ में कन्नौज के स्थानीय नेताओं की एक मीटिंग बुलाई। इसमें तेज प्रताप को लेकर फीडबैक लिया। सामने आया कि तेज प्रताप को स्थानीय नेताओं का सपोर्ट नहीं मिल रहा है। ऐसे में परिवार की इस सीट पर पेंच फंस सकता है। इसके बाद अखिलेश ने खुद देश और दुनिया में अपनी मनमोहक खुशबू के मशहूर इत्र नगरी कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया।

चौथी बार कन्नौज से चुनाव लड़ेंगे अखिलेश यादव

अखिलेश कन्नौज सीट से चौथी बार चुनाव लड़ने के लिए उतरे हैं। सन् 2000 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में अखिलेश ने पहला चुनाव लड़ा था। फिर 2004, 2009 में भी उन्होंने जीत दर्ज की। 2012 में मुख्यमंत्री बनने के चलते उन्होंने कन्नौज सीट से इस्तीफा दे दिया था। फिर यहां हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने जीत दर्ज की थी। कन्नौज सीट से नेताजी मुलायम सिंह यादव, अखिलेश और डिंपल चुनाव लड़ चुके हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव झा/मोहित

   

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