अगर गलती हुई है तो सुधार लूंगी लेकिन हाई कोर्ट का फैसला पूरी तरह से अन्याय है : बोलीं ममता

कोलकाता, 25 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को 25 हजार से अधिक स्कूली नौकरियों को रद्द करने को घोर अन्याय करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि यह इन नौकरी गंवाने वालों को चुनाव ड्यूटी में तैनात होने से रोकने की भाजपा की चाल है। बनर्जी ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के मेदिनीपुर लोकसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आश्चर्य जताया कि इतने सारे शिक्षकों की नौकरी जाने पर स्कूल कैसे चलेंगे।

इस सप्ताह की शुरुआत में, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) की भर्ती प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया था और इसके जरिए की गई सभी नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया था।

इस पर ममता बनर्जी ने कहा है कि अगर किसी ने गलती की है, तो उसे सुधारा जा सकता है, लेकिन 25 हजार नौकरियां छीनना घोर अन्याय है। अगर इतने सारे शिक्षक नौकरी से बाहर हो जाएंगे तो स्कूल कैसे चलेंगे? मैं न्यायपालिका का सम्मान करती हूं लेकिन जो हुआ वह घोर अन्याय है। उन्होंने दावा किया कि देश में आजादी के बाद से सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर होने के बावजूद भाजपा नेता नौकरियां छीन रहे हैं।

बनर्जी ने कहा कि इतनी सारी नौकरियां छीन ली गई हैं ताकि नौकरी गंवाने वाले इन लोगों को चुनाव के दौरान चुनाव ड्यूटी में न लगाया जा सके और केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लगाया जा सके। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि कोर्ट का फैसला भाजपा के इशारे पर सुनाया गया है। उन्होंने कहा कि हम नौकरी दे रहे हैं। 10 लाख से अधिक नौकरियां तैयार हैं। लेकिन भाजपा अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए नौकरियां छीन रही है। प्रशासन और शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हम उनका समर्थन करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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