उमर, महबूबा ने निर्वाचन आयोग से अनंतनाग-राजौरी लोस सीट पर चुनाव न टालने को कहा

 श्रीनगर/जम्मू। स्टेट समाचार

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग से अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर चुनाव स्थगित न करने का अनुरोध किया। निर्वाचन आयोग ने मुगल रोड पर हिमपात समेत प्रतिकूल मौसम के कारण अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव कार्यक्रम में बदलाव के कुछ दलों और तीन उम्मीदवारों के अनुरोध पर मुख्य सचिव अटल डुल्लू और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से एक रिपोर्ट मांगी है जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों ने यह अपील की।  उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''मैं निर्वाचन आयोग से अपील करता हूं कि ऐसा कोई कदम न उठाया जाए। सभी दलों ने चुनाव स्थगित करने की मांग नहीं की है। विचित्र बात यह है कि जिन लोगों ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है, वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। अगर मैं निर्वाचन आयोग को तमिलनाडु आदि के निर्वाचन क्षेत्रों के बारे में पत्र लिखता हूं तो क्या वे संज्ञान लेंगे।''  पुंछ जिले के सुरनकोट में पत्रकारों से बातचीत में महबूबा ने कहा, ''उन सभी ने मेरे खिलाफ गिरोह बना लिया है क्योंकि वे मुझे संसद में नहीं देखना चाहते। धर्म और पार्टी के रुख के इतर लोग मेरे समर्थन में आगे आ रहे हैं और इसलिए वे चुनाव को टालने और धांधली के लिए निर्वाचन आयोग का इस्तेमाल कर रहे हैं।''  पीडीपी नेता ने कहा कि उन्होंने मुगल रोड पर यात्रा की है जिसे हाल में यातायात के लिए खोला गया है।  उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के लिए मेंढर शहर रवाना होने से पहले कहा, ''अनंतनाग-राजौरी सीट पर  मतदान टालने का कोई औचित्य नहीं है। निर्वाचन आयोग से मेरा अनुरोध है कि मतदान में महज 10 दिन बाकी रहने पर चुनाव न स्थगित करें। इससे गलत संदेश जाएगा और इसके गंभीर परिणाम होंगे।''    महबूबा ने जम्मू कश्मीर में 1987 के विधानसभा चुनाव में कथित धांधली का हवाला दिया जिसके कारण आतंकवाद फैला। उन्होंने कहा, ''हम निर्वाचन आयोग से ऐसा दुस्साहस न करने का अनुरोध करते हैं क्योंकि जम्मू कश्मीर के लोग पहले ही काफी कुछ झेल चुके हैं और उनका निर्वाचन प्रक्रिया में बहुत कम विश्वास है।'' उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लाल किले की प्राचीर से जम्मू कश्मीर के लोगों को स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने का आश्वासन दिया था और ''वे (भाजपा) फिर से इसे बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं...आपने पहले ही जम्मू कश्मीर के लोगों के पास मतदान करने के अलावा ज्यादा कुछ विकल्प छोड़ा नहीं है। आप 1987 को दोहराने का प्रयास कर रहे हैं जिससे खूनखराबा हुआ था और घाटी कब्रगाह में बदल गयी थी।'' महबूबा ने कहा कि पहले उन्होंने (भाजपा ने) अपने पक्ष में चुनाव में धांधली का प्रयास करने के तौर पर परिसीमन के जरिए अनंतनाग संसदीय सीट का पुन: सीमांकन किया। उन्होंने कहा, ''क्या उन्हें नहीं मालूम कि मुगल रोड आम तौर पर छह महीने के लिए बंद रहती है। यह देश में कहीं भी नहीं हो रहा है।'' अनंतनाग-राजौरी में चुनाव स्थगित होने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र संस्थान है और अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर चुनाव के संबंध में वह जो भी निर्णय लेता है, भाजपा उसका पालन करेगी। अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट पर तीसरे चरण में सात मई को मतदान होना है। इन सीट पर महबूबा मुफ्ती समेत 21 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। महबूबा का मुकाबला मुख्य रूप से नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मंत्री मियां अल्ताफ से है। भाजपा ने इस सीट से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है और वह एक ऐसे उम्मीदवार का समर्थन करने पर विचार कर रही है जो कांग्रेस, नेकां और पीडीपी से संबद्ध नहीं है। इस बीच, जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने दावा किया कि भाजपा और उसकी 'बी-टीम' ने निर्वाचन आयोग का रुख इसलिए किया है क्योंकि वे विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस' ('इंडिया') के प्रत्याशी से ''बड़ी हार'' का सामना करने जा रहे हैं। कांग्रेस 'इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस' के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति के तहत इस निर्वाचन क्षेत्र में नेशनल कांफ्रेंस का समर्थन कर रही है। 

   

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