छात्र की अस्वाभाविक मौत के बाद एनआईटी दुर्गापुर के डायरेक्टर को देना पड़ा इस्तीफा

कोलकाता, 29 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान या एनआईटी, दुर्गापुर में इंजीनियरिंग छात्र की अप्रत्याशित मौत पर हंगामा बरपा है। छात्र की मौत के बाद कैंपस में निदेशक को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कथित तौर पर, रविवार को छात्रों के एक समूह ने निदेशक को परिसर से बाहर कर दिया था। इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए डायरेक्टर अरविंद चौबे ने इस्तीफा दे दिया है।

दुर्गापुर में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संचालित है। एनआईटी में करीब चार हजार छात्र पढ़ते हैं। यहां 14 विभाग हैं। मृतक छात्र की पहचान अर्पण घोष (20) के तौर पर हुई है। वे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के द्वितीय वर्ष के छात्र थे। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष के छात्र अर्पण घोष, हुगली के बैंडेल में रहते थे। रविवार को उनकी असामान्य मौत को लेकर तनाव फैल गया। कथित तौर पर अर्पण परीक्षा हॉल में अपना आईडी कार्ड ले जाना भूल गया इसलिए उन्हें परीक्षा में बैठने की इजाजत नहीं दी गई। आरोप है कि घर लौटने के बाद उन्होंने आत्महत्या की।

छात्रों का आरोप है कि जब उसने खुदकुशी की और उसे बचाया गया तब भी उसका दिल धड़क रहा था। समय पर एंबुलेंस नहीं मिली और जब अस्पताल ले जाया गया तो वहां भी डॉक्टरों ने पहले फॉर्म भरवाया और आई कार्ड देखना चाहा। इस वजह से देर हुई और उसकी मौत हो गई। छात्रों का आरोप है कि अर्पण फांसी लगाने के बाद काफी देर तक जीवित रहा। लेकिन एनआईटी के ही अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर और जरूरी दवाएं न मिलने और अस्पताल में 20 मिनट की देरी के कारण उनकी मौत हो गई।

कॉलेज निदेशक अरविंद चौबे को हटाने की मांग को लेकर रविवार रात छात्र विरोध प्रदर्शन करने लगे। एनआईटी के छात्रों की शिकायत है कि वर्तमान निदेशक कॉलेज की एंबुलेंस सेवा से लेकर न्यूनतम सुविधाएं भी नहीं देते हैं। इसी की जिम्मेवारी लेते हुए सोमवार को उन्होंने इस्तीफा दिया है। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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