स्ट्रेटेजिक और क्रिटिकल मिनरल्स एक्सप्लोरेशन में निजी क्षेत्र की बढ़ेगी भागीदारी
- Admin Admin
- Apr 29, 2024
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जयपुर, 29 अप्रैल (हि.स.)। स्ट्रेटेजिक और क्रिटिकल मिनरल्स के एक्सप्लोरेशन कार्य को गति देने के लिए निजी क्षेत्र की भी सक्रिय भागीदारी बढ़ाई जाएगी। भारत सरकार के माइंस मंत्रालय द्वारा इस संबंध में शीघ्र ही आवश्यक प्रावधान संभावित है। इसी को ध्यान में रखते हुए नए प्रावधानों के बाद प्रदेश के दो आरईई और एक पोटाश के ब्लॉकों के एक्सप्लोरेशन लाइसेंस के लिए नए सिरे से ई-नीलामी प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।
राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में 29 स्ट्रेटेजिक, क्रिटिकल व अन्य मिनरल्स के विपुल भण्डारों को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्र व राज्य सरकार के एक्सप्लोरेशन संस्थानों व उपक्रमों के साथ ही देश दुनिया की निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता की एक्सप्लोरेशन कार्य में सक्रिय सहभागिता तय करने के लिए प्रोत्साहित किया जाने का निर्णय किया जा रहा है। इससे इस तरह के मिनरल्स के खोज कार्य में सरकारी के साथ ही निजी क्षेत्र के प्लेयर्स आगे आयेंगे और सरकार द्वारा प्रोत्साहन सहयोग से एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी आने के साथ ही गुणवत्ता भी आएगी।
देश में रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई), पोटाश, लिथियम, टंगस्टन, केडमियम, कोबाल्ट, कॉपर, ग्रेफाइट, टिटेनियम, बेरेलियम, सिल्वर, जिंक, गोल्ड, लेड जैसे 29 तरह के क्रिटिकल, स्ट्रेटेजिक व अन्य मिनरल्स की देश दुनिया में काफी मांग होने के साथ ही अत्यधिक श्रम व समय साध्य होने व सरकारी प्रक्रिया की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने पहला निर्णय इन मिनरल्स के वैज्ञानिक व वैश्विक स्तरीय एक्सप्लोरेशन के लिए ईएल यानी की एक्सप्लोरेशन लाइसेंस की ई नीलामी का निर्णय किया गया। पहले चरण में राजस्थान सहित कुछ प्रदेशों द्वारा ईएल नीलामी प्रक्रिया आरंभ की गई। अब केन्द्र सरकार एक्सप्लोरेशन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने का निर्णय करने जा रही है। इससे ईएल के लिए निजी क्षेत्र की सहभागिता बढ़ेगी और देश में खनिजों के खोज और खनन कार्य को गति दी जा सकेगी। माना जा रहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा जीएसआई, राज्यों के खनिज विभागों के एक्सप्लोरेशन विंग, एमईसीएल, एनसीएल, स्टील अथॉरिटी आफ इंडिया सहित अन्य उपक्रमों राज्यों के आरएसएमईटी जैसे संस्थानों की तरह निजी क्षेत्र के खनन एक्सप्लोरेशन क्षेत्र के इच्छुक भागीदारों को एक्सप्लोरेशन कार्य में वित्तीय प्रोत्साहन देने जा रही है इससे निजी क्षेत्र के बिडर्स की भागीदारी बढ़ेगी और इससे एक्सप्लोरेशन क्षेत्र में स्वस्थ्य प्रतिभागिता व प्रतिस्पर्धा बढ़ने के साथ ही मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता, समयवद्धता और एक्यूरेसी आने से क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक मिनरल्स के क्षेत्र में विश्वस्तरीय गुणवत्ता व गति आ सकेगी।
निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि केन्द्र सरकार के माइंस विभाग द्वारा शीघ्र ही किये जा रहे नए प्रावधानों के जारी होने के बाद प्रदेश की दो आरईई और एक पोटाश कुल तीन ईएल की ई नीलामी की प्रक्रिया पुनः आरंभ की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ईश्वर