ग्रामीणों का प्राकृतिक कोल्ड ड्रिंक-छिंद रस डिहाइड्रेशन व पाचन क्रिया के लिए लाभदायक

जगदलपुर, 03 अप्रैल (हि.स.)। बस्तर में तापमान शुक्रवार को 39 डिग्री के पार पहुंच गया है, चिलचिलाती धूप से लोग हलकान हैं। बस्तर के ग्रामीण इन दिनों गर्मी में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए छिंद रस का सेवन करते हैं। छिंद रस गर्मी में ग्रामीणों का प्राकृतिक कोल्ड ड्रिंक-छिंद रस पीने से पाचन क्रिया को दुरुस्त करने का काम करता है। हालांकि ज्यादा मात्रा में छिंद रस का सेवन करने से हल्का नशा भी होता है। गर्मी में ग्रामीण इलाकों के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक छिंद रस का सेवन करते हैं। चार से पांच वर्ष बाद छिंद के पेड़ से रस निकलना शुरू हो जाता है, रस बेचकर ग्रामीण अतिरिक्त कमाई भी करते हैं।

गुंडाधुर कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक अनंत कुमार बताते हैं कि छिंद रस का सेवन पाचन क्रिया को दुरुस्त करने का काम करता है। खासकर गर्मी में सेवन करने से पेट सहित शरीर को काफी ठंडक पहुंचती है। यही वजह है कि ग्रामीण गर्मी के मौसम में कोल्ड ड्रिंक या फ्रिज का ठंडा पानी नहीं बल्कि छिंद रस का सेवन करते हैं। हालांकि ज्यादा मात्रा में सेवन से इससे नशा होता है, लेकिन सेहत पर इसका प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है। उन्होंने बताया कि गर्मी में छिंद का एक पेड़ डेढ़ महीने तक रस देता है, इसके बाद पेड़ सूख जाता है। इसलिए ग्रामीण अंचलों के ग्रामीण घरों और खेतों में ज्यादा से ज्यादा छिंद पौधों का रोपण करते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे

   

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