टैंक में डूबने से दो बहनों की मौत

नागौर, 3 मई (हि.स.)। जिला मुख्यालय से 104 किलोमीटर दूर रियांबड़ी कस्बे में शुक्रवार दोपहर घर के परिसर में बने नौ फीट गहरे टैंक में डूबने से दो बहनों की मौत हो गई। दोनों बहनें खेल रही थीं। पहले छोटी बहन टैंक में गिरी। बड़ी उसे बचाने की लिए पूरी तरह टैंक में झुक गई। संतुलन बिगड़ा तो खुद भी पानी में गिर पड़ी। दोनों बच्चियों को दूर से दादी ने टैंक में गिरते देखा। उन्हें बचाने के लिए दादी भी टैंक में उतर गई, लेकिन वह बेहोश हो गई। हादसे में दोनों बच्चियों की मौत हो गई। दादी का इलाज चल रहा है।

बच्चियों के परिजन चैनाराम ने बताया कि भाई सुनील कुमार दगदी अजमेर शहर के लोहागल क्षेत्र में यूको बैंक में कैशियर है। घर में मां कांता देवी और बच्चियों का चाचा मनीष कुमार थे। दादी कंचन देवी मनरेगा के काम से गई हुई थी। सुनील की दोनों बेटियां श्रेष्ठा (4) और निशा (7) घर के परिसर में चबूतरे पर खेल रहीं थीं। इसी चबूतरे पर टैंक का ढक्कन है। टैंक नौ फीट गहरा है, जिसमें सात फीट पानी था। दोनों बच्चियां टैंक में गिर गईं। इसी दौरान काम से लौट रही दादी कंचन देवी ने उन्हें देख लिया। दादी चिल्लाते हुए टैंक की तरफ भागी और बच्चियों को बचाने के लिए टैंक में उतर गई। दादी बच्चियों को नहीं बचा पाई, बल्कि वह खुद भी पानी में अचेत हो गई। परिजनों व अन्य लोगों ने वहां पहुंचकर कंचन देवी और दोनों बच्चियों को निकाला।

परिजन दोनों बच्चियों निशा और श्रेष्ठा को रियांबड़ी सीएचसी लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बच्चियों के परिजन चैनाराम ने पिता सुनील को घटना की जानकारी दी। अजमेर से सुनील के पहुंचने के बाद शाम को दोनों बच्चियों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिजन चैनाराम ने बताया कि खेल-खेल में छोटी बहन श्रेष्ठा पैर फिसलने से टैंक में गिर गई थी। उसे बचाने के लिए बड़ी बहन निशा टैंक में झुक गई और हाथ पकड़कर श्रेष्ठा को निकालने की कोशिश की। लेकिन उसका संतुलन बिगड़ गया और वह भी वाटर टैंक में गिर गई। घटना के वक्त बच्चियों की मां कांता देवी घरेलू काम में जुटी थी। घर में सुनील का छोटा भाई मनीष भी मौजूद था, लेकिन उसे घटना की भनक नहीं लगी। दादी के चिल्लाने पर लोग बाहर आए। घर में धरातल से तीन फीट ऊंचा चबूतरा बना हुआ है। इसी चबूतरे के अंदर के हिस्से में टैंक बना हुआ है। टैंक का ढक्कन खुला था। फिलहाल कंचन देवी का इलाज चल रहा है।

हादसे के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीण उगमाराम दागड़ी ने बताया कि बच्चियों के पिता सुनील परिवार के साथ अजमेर शहर के लोहागल क्षेत्र में रहते हैं। बच्चियों की छुट्टी के कारण वे पत्नी और बच्चियों को गांव छोड़ गए थे।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

   

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