उत्तराखंड पुलिस के ऑपरेशन स्माइल से लौट रही दु:खी चेहरों पर खुशी

- गुमशुदा बच्चों के साथ गुमशुदा महिला-पुरूष की भी तलाश

- वर्ष 2015 से 2023 तक कुल 4611 गुमशुदा बरामद

देहरादून, 07 मई (हि.स.)। उत्तराखंड पुलिस की ओर से समय-समय पर आमजन को जागरूक करने के साथ उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। इसके लिए विभिन्न अभियान चलाए जाते हैं। उन्हीं में से एक है ‘ऑपरेशन स्माइल’, जो दु:खी चेहरों पर खुशी लाने का काम कर रही है। प्रदेश में एक मई से दो माह का ऑपरेशन स्माइल चलाया जा रहा है। अभियान में गुमशुदा बच्चों के साथ गुमशुदा महिला-पुरूष की भी तलाश की जाएगी।

पुलिस मुख्यालय देहरादून के आदेशानुसार उत्तराखंड पुलिस की ओर से वर्ष 2015 से गुमशुदा लोगों की तलाश के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में ऑपरेशन स्माइल अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस इस मुहिम में बढ़ बढ़कर काम कर रही है जिससे सूने और मायूस पड़े चेहरों पर परिजनों से मिलकर खुशी की चमक साफ तौर पर देखी जा रही है। वर्ष 2015 से चलाए गए ऑपरेशन स्माइल के तहत 2023 तक 2486 बच्चे, 1207 महिला, 918 पुरुष कुल 4611 गुमशुदाओं को बरामद किया जा चुका है।

...तो इसलिए अभियान का नाम रखा ‘ऑपरेशन स्माइल’

उत्तराखंड में प्रतिवर्ष पुलिस की ओर से ऑपरेशन स्माइल चलाया जाता है। इसके तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और महिलाएं जो अपने परिवार से बिछड़ जाती हैं, उनके परिजनों तक उनकी खोज कर पहुंचाने के काम किए जाते हैं। इसके बाद उनके चेहरों पर मुस्कान साफ तौर पर देखी जाती है, इसीलिए इस अभियान का नाम ऑपरेशन स्माइल रखा गया है।

तलाशी टीम के साथ विधिक एवं टेक्निकल टीम का गठन-

पुलिस अधीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखंड कमलेश उपाध्याय मुख्यालय स्तर पर ऑपरेशन स्माइल के नोडल अधिकारी हैं। जनपदों में पुलिस उपाधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जनपद देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर में पांच-पांच तलाशी टीम व शेष जनपदों में एक-एक तलाशी टीम का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में एक उप निरीक्षक और चार आरक्षी हैं। तलाशी टीम में गुमशुदा-बरामद बच्चों व महिलाओं से पूछताछ के लिए एक महिला पुलिसकर्मी भी है। प्रत्येक टीमों की सहायता के लिए उपरोक्त तलाशी टीमों के अलावा एक-एक विधिक एवं टेक्निकल टीम का गठन किया गया है।

ऑपरेशन स्माइल के लिए अन्य संबंधित विभागों-संस्थाओं यथा सीडब्ल्यूसी, समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, अभियोजन, श्रम विभाग, आश्रय गृह, एनजीओ एवं चाइल्ड हेल्पलाइन का सहयोग लिया जा रहा है।

जनपद व अन्य राज्यों के ऐसे स्थान जहां गुमशुदाओं के मिलने की संभावना अधिक है, जैसे शेल्टर होम्स, नारी निकेतन, वृद्धाश्रम, संप्रेक्षण गृह, विशेष गृह, ढाबे, कारखाने, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थान, आश्रम, धर्मशाला आदि में विशेष रूप से तलाशी की जाएगी।

एडीजीपी बोले- गुमशुदाओं को बरामद किए जाने के लिए सर्वसंभव किए जाएं प्रयास

अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखंड एपी अंशुमान ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त वरिष्ठ एवं पुलिस अधीक्षक के साथ ऑपरेशन स्माइल की समीक्षा कर अभियान को सफल बनाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। गुमशुदाओं को बरामद किए जाने के लिए सर्वसंभव प्रयास किए जाएं। गुमशुदाओं का मिलान प्रदेश व सीमावर्ती राज्यों में बरामद लावारिश शवों से भी किया जाए। गुमशुदाओं के बरामद होने पर उनकी सुपुर्दगी-पुनर्वास के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जाए। बच्चों व महिलाओं से नियमानुसार पूछताछ की जाए। बरामद बच्चों व महिला-पुरुष के संबंध में कोई अपराध घटित होने की जानकारी पर वैधानिक कार्रवाई की जाए।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

   

सम्बंधित खबर