वनाग्नि रोकने के लिए मुख्यमंत्री हुए सख्त, पिरूल की सूखी पत्तियां हटाने की हिदायत

Chief Minister is trying to stop forest fire, removed dry leaves of Pirul

देहरादून/रुद्रप्रयाग, 08 मई (हि.स.)। वनाग्नि की घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री चिंतित हैं। इसके लिए वह कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते। उन्होंने इन घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए कारगर उपायों पर सख्ती से काम करने की हिदायत दी है।

बुधवार को रुद्रप्रयाग पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वनाग्नि को रोकने केलिए फायर लाइन का बनाना जरूरी है। उन्होंने इसी व्यवस्था के तहत रुद्रप्रयाग पहुंचकर जंगल में बिखरी हुई पिरूल की पत्तियों को एकत्र करते हुए जन-जन को इसके साथ जुड़ने का संदेश दिया। पिरूल की सूखी पत्तियां वनाग्नि का सबसे बड़ा कारण होती हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की समस्त जनता से आग्रह किया है कि अपने आस-पास के जंगलों को बचाने के लिए युवक मंगल दल, महिला मंगल दल और स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर इसे अभियान के रुप में संचालित करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए सरकार 'पिरूल लाओ-पैसे पाओ' मिशन पर भी कार्य कर रही है। इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर 50 रुपये /किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे। इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाएगा इसके लिए 50 रुपये करोड़ का कार्पस फंड पृथक रूप से रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं, उनके सहयोगी तथा पार्टी के कार्यकर्ता भी वन आग रोकने के लिए ठोस और कारगर पहल करेंगे तथा जनता के कंधे से कंधा मिलाकर आग रोकने की कोशिश करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/रामानुज

   

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