भारत विविधताओं का देश, उसी अनुरूप हो सृजनशील समाज का निर्माण

- जेएनसीयू में संवाद और सम्मान कार्यक्रम का आयोजन

बलिया, 15 मई (हि.स.)। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के सभागार में बुधवार को कुलपति प्रो.संजीत कुमार गुप्ता के कार्यकाल के एक वर्ष पूर्ण होने तथा महाविद्यालय-विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के दो वर्ष पूरा होने के अवसर पर संवाद एवं सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर 'वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य और शिक्षक संगठन: चुनौतियाँ एवं संभावनाएं' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि महाविद्यालय शिक्षक संघ पूर्वांचल विवि के पूर्व अध्यक्ष प्रो.पंकज कुमार सिंह कहा कि भारतीय परंपरा संवाद की परंपरा है। भारत विविधताओं का देश है। यहां की विविधताओं के अनुरूप ही हम सृजनशील समाज का निर्माण करें।

जनकुआक्टा के अध्यक्ष प्रो.अखिलेश राय ने कहा कि शिक्षकों के आपातकाल में सहयोग के लिए एक कल्याण कोष होना चाहिए। विवि स्तर पर सभी शिक्षकों के ब्लड ग्रुप का डाटा उपलब्ध होना चाहिए।

जनकुआक्टा के महामंत्री डा.अवनीश चंद्र पाण्डेय ने कहा कि शासन-प्रशासन की शिक्षक विरोधी नीतियों का शिक्षक संघ द्वारा विरोध किया जाना चाहिए। जनकुआक्टा के उपाध्यक्ष डा. विमल कुमार ने कहा कि नयी शिक्षा नीति के कारण वर्तमान शिक्षा व्यवस्था एक प्रयोगशाला बन कर रह गयी है।

अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो.संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि विवि शिक्षक संघ का नाम जनकुआक्टा होना कई अर्थ रखता है। जन शब्द का अर्थ व्यापक है। किसी भी संगठन में जन के ही कल्याण का विचार सन्निहित है। संगठन में मत विभिन्नता हों लेकिन मन विभिन्नता नहीं होनी चाहिए। हमारा ध्येय वाक्य भी है कि सबके मन एक हों। प्रेम से ही किसी को जीता जा सकता है, संघर्ष से नहीं।

स्वागत व्यक्तव्य डा. पुष्पा मिश्रा, निदेशक, शैक्षणिक, संचालन डा. अजय कुमार चौबे तथा धन्यवाद ज्ञापन डा. प्रियंका सिंह ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव एसएल पाल, प्रो.गौरीशंकर द्विवेदी, प्रो.आरएन मिश्र, जनकुआक्टा के ज़ोनल सेक्रेटरी डा.भारतेंदु मिश्र, प्रो.साहेब दूबे, प्रो.जैनेंद्र पाण्डेय, प्रो.बृजेश सिंह, प्रो.धर्मात्मानंद, प्रो.ओ पी सिंह आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/राजेश

   

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