ट्रैविलाइट कैम्प रिजॉर्ट के मालिक को नहीं मिली अग्रिम जमानत, लटकी गिरफ्तारी की तलवार

नैनीताल, 16 मई (हि.स.)। नैनीताल के पास रिजॉर्ट में जंगल की लकड़ी, कांकड़ का सिर और आरा मशीन मिलने के मामले में ट्रैविलाइट कैम्प रिजॉर्ट मालिक की अग्रिम जमानत याचिका न्यायालय ने खारिज कर दी है।

ट्रैविलाइट रिजॉर्ट धिंघारी खुर्पाताल के स्वामी धर्मेंद्र सिंह पुत्र किशन सिंह निवासी ग्राम अधौड़ा ने द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश नैनीताल विजय लक्ष्मी विहान की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इस प्रकार आरोपित रिजॉर्ट स्वामी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गयी है।

इस मामले में रिजॉर्ट में बड़ी मात्रा में जंगल की लकड़ी, उसे इमारती लकड़ी में बदलने के लिये अवैध तरीके से आरा मशीन, रिसोर्ट के एक कमरे के बाहर दीवार में टंगा हुआ एक काकड़ का दो सींगों युक्त सिर सहित अनेक सामग्री प्राप्त हुईं थीं। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने आरोपित धर्मेंद्र सिह के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए तर्क रखा कि आरोपित धर्मेन्द्र ने भी अपने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र में अभियोजन के इस तथ्य को स्वीकार किया है कि वह ट्रैविलाइट कैम्प का स्वामी है और यह भी स्वीकार किया है कि उसके रिजार्ट का संचालक चंदन सिह व मजदूर टोपा बहादुर हैं। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित धर्मेंद्र सिंह का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।

बीते माह कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत ने नैनीताल जिला मुख्यालय के पास एक रिजॉर्ट में छापेमारी कर अनेक अवैधानिक गतिविधियां पकड़ी थीं और वन विभाग को इसके मामले में जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिये थे। इन आदेशों पर वन विभाग ने आरोपित रिजॉर्ट में वन अधिनियम एवं वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत अनेक अवैधानिक कृत्यों की पुष्टि करते हुये चार अभियोग पंजीकृत किये थे।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. नवीन जोशी/सत्यवान/रामानुज

   

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