सरकारी स्कूलों का निरीक्षण कर ढांचा सुधारने के निर्देश

जयपुर, 21 मई (हि.स.)। स्कूल शिक्षा के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने मंगलवार को असुरक्षित और जर्जर विद्यालय भवन में संचालित राजकीय विद्यालयों एवं पेयजल व शौचालयों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए है। उन्होंने ऐसी स्कूलों का निरीक्षण कर ढांचा सुधारने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी भवन रहित राजकीय विद्यालयों के लिए संबंधित कलक्टर या राजस्व विभाग से तत्काल सम्पर्क कर विद्यालयों के लिए आवश्यक भूमि आंवटित कराने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। यू-डाईस डाटा 2022-23 के अनुसार भवन रहित विद्यालयों की सूची समस्त मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रेषित कर कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया है। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी भूमि आवंटन के अभाव में जब तक विद्यालय भवन का निर्माण नहीं हो तब तक विद्यालय के लिए वैकल्पिक सुरक्षित भवन की व्यवस्था कराएं। राज्य में कहीं भी खुले में, झोंपड़ी में, पेड़ के नीचे, असुरक्षित स्थान पर कक्षाओं का संचालन नहीं किया जाए। असुरक्षित या जर्जर विद्यालय भवनों को अध्यापन या अन्य किसी उपयोग में नहीं लिया जाए तथा छात्रों का प्रवेश वर्जित रखा जाए, ताकि किसी भी प्रकार के जान-माल की क्षति से बचा जा सके।

उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय निष्पादन समिति द्वारा विद्यालय भवन को जर्जर घोषित करने की कार्यवाही अविलम्ब की जाएं। संबंधित संस्था प्रधान वर्षा से पूर्व छतों की सफाई, छतों के बन्द नालों की सफाई, बरसाती नालों के टूटे पाईपों की मरम्मत आदि का कार्य सुनिश्चित करें ताकि छतों पर पानी का भराव नहीं हो। संबंधित संस्था प्रधान विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था, शौचालयों में रनिंग वाटर की उपलब्धता, शौचालयों की नियमित साफ-सफाई तथा मरम्मत कार्य प्राथमिकता से सुनिश्चित करें। विद्यालय में शौचालय साफ नहीं होने, नल टूटा होने, मग बाल्टी नहीं होने एवं मामूली टूट-फूट होने, शौचालय में पानी की सुविधा नहीं होने आदि के संबंध में शाला संबलन एप पर दर्ज शिकायतों का संबंधित संस्था प्रधान कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट, विद्यालय विकास कोष इत्यादि का उपयोग करते हुए निराकरण करें। साथ ही निरीक्षणकर्ता अधिकारी प्रभावी मॉनिटरिंग करते हुए शिकायतों का निस्तारण सुनिश्चित कराएं।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

   

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