महर्षि मेंही परमहंस का अवतरण मानव कल्याण के लिए हुआ: लक्ष्मण महाराज

खूंटी, 22 मई (हि.स.)। महर्षि मेंही आश्रम मलियादा और शबरी कुटिया शांतिपुरी आश्रम मुरहू में बुधवार को महर्षि मेंही परमहंस की 140वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत प्रभात फेरी और शोभायात्रा से हुई। प्रभातफेरी बंदगांव और मुरहू में निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में सत्संगी महिला-पुरुषों ने भाग लिया। आश्रम पहुंचकर सत्संगियों ने गुरुदेव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

प्रवचन में लक्ष्मण महाराज ने कहा कि महर्षि मेंही परमहंस का अवतरण मानव कल्याण के लिए हुआ। सद्गुरुदेव ने कठोर साधना की। तत्पश्चात हमें सभी सद्ग्रंथों और संतों की बातें सरल और आसान शब्दों में बताई। अहिंसा, दयालुता, सदव्यवहार और कपट-अहंकार रहित जीवन जीना चाहिए। झूठ बोलना, चोरी, नशा, हिंसा और व्याभिचार से दूर रहना चाहिए। गुरु महाराज ने बहुत लोगों को सच्चा जीवन मार्ग बताया है। हमें गुरुदेव के बताये मार्ग पर चलने का सदा प्रयास करना होगा, तभी सुख मिलेगा और उद्धार होगा।

ब्रह्मचारी लोदरो बाबा, मुरलीधर बाबा और डॉ डीएन तिवारी ने भी सद्गुरू की महिमा का गुणगान किया और गुरु के उपदेश जीवन में धारण करने की बात कही।

कार्यक्रम में संजय कुमार, रास बिहारी मुंडा, जुरन मुंडा, जगन्नाथ मुंडा, मुचीराय मुंडा, सुखसागर, कांडे मुंडा, सगुनदास, मंगल मुंडा, विष्णु मुंडा, सूरजमल प्रसाद, रामहरि साव, सनिका मुंडा, बीरू कुमार, ,संतोष गुप्ता, सूरज गुप्ता, हेमंत कुमार आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल/चंद्र प्रकाश

   

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