गुरु अमर दास का धूमधाम से मनाया गया 545वां प्रकाश पर्व

हरिद्वार, 22 मई (हि.स.)। सिखों के तीसरे गुरु अमर दास का 545वां प्रकाश पर्व आज कनखल सतीघाट स्थित तीजी पात शाही तप स्थान पर धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का समापन गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ के साथ हुआ।

गुरुद्वारा के महंत रंजय सिंह महाराज ने कहा कि गुरु अमर दास ने सामाजिक कुरीतियों को समाप्त कर सामाजिक समरसता का परिचय दिया। गुरुद्वारा की संचालिका विंनिन्दर कौर सोढ़ी ने कहा कि गुरु अमर दास जी के विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे। उन्होंने कहा कि सतीघाट कनखल में सिखों के तीसरे गुरु अमर दास जी 22 बार आए थे और उन्होंने सामाजिक कुरीति सती प्रथा बंद कराई थी और गंगा के तट पर साधना की थी।

कथा विचारक गुरुचरन सिंह ने गुरु महाराज के जीवन पर प्रकाश डाला। रागी हरजोत सिंह (केशगढ़ साहिब, पंजाब) ने शबद कीर्तन कर लोगों का हृदय जीत लिया। स्त्री संगत ने कीर्तन का आयोजन किया। कार्यक्रम के पश्चात गुरु का अटूट लंगर आयोजित किया गया।

इस अवसर पर निर्मल संतपुरा के अध्यक्ष संत जगजीत सिंह महाराज, ग्रंथी देवेंद्र सिंह ने अरदास की। अतुल शर्मा काकू, सरदार मनजीत ओबरॉय,गजेंद्र ओबेरॉय ,राजेंद्र सिंह, अवतार सिंह, गुरप्रीत सिंह, सुरेन्द्र जीत सिंह, इंद्रजीत सिंह बिट्टू, अरुण खन्ना, संजीव चड्ढा आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थानसमाचार/रजनीकांत/सत्यवान/रामानुज

   

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