बाघों के परिवार में बढ़ोत्तरी महत्वपूर्ण उपलब्धि : वन मंत्री

देहरादून, 25 मई (हि.स.)। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बाघों के परिवार में बढ़ोत्तरी को उत्तराखंड में वन्य जीव संरक्षण में महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि यह वन्य जीवन और विभागीय कर्मियों को खुशी प्रदान करने वाला पल है।

यह जानकारी प्रमुख वन संरक्षक, वन्यजीव एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डाॅ. समीर सिन्हा ने दी है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बाघों की पुनर्स्थापना के कार्यक्रम की सफलता वन एवं वन्य जीव संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय समुदायों की ईको पर्यटन आधारित रोजगार के नये अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि राजाजी के पश्चिमी भाग में बाघों की आबादी को पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से कार्बेट टाइगर रिजर्व से अभी तक चार बाघों (एक नर तथा तीन मादा) को राजाजी टाइगर रिजर्व में लाया गया है। इन्हें सर्वप्रथम एक विशेष प्रकार के बाड़े में रखा जाता है, जहां कुछ समय तक उनकी निगरानी की जाती है। लाये गये बाघों का क्षेत्र में अनुकूलन करने के पश्चात उन्हें खुले वन में विचरण करने के लिए छोड़ा जाता है।

इसके बाद भी उनकी मॉनिटरिंग लगातार उन पर लगाये गये सैटलाइट कॉलर, कैमरा ट्रैप और स्थानीय गश्ती दलों द्वारा लगातार की जाती है। इन बाघों की लगातार की जा रही मॉनिटारिंग में पता चला है कि इनमें से एक बाघिन ने कुछ समय पूर्व चार शावकों को जन्म दिया है। यह राजाजी में बाघ पुनर्स्थापन योजना की सफलता में एक नया आयाम है।

प्रमुख वन संरक्षक, वन्यजीव एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड डा. समीर सिन्हा ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डाॅ. साकेत बडोला एवं उनकी टीम को बधाई देते हुए यह अपेक्षा की है कि इन बाघों की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। उन्होंने इस अवसर पर ट्रांसलोकेशन कार्य में योगदान के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की टीम की भी प्रशंसा की।

हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/सत्यवान/रामानुज

   

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