देवर्षि नारद जयंती पर 26 मई को होगा पत्रकार सम्मान, पत्रकारिता की चुनौती पर होगी 'चर्चा'

देहरादून, 25 मई (हि.स.)। विश्व संवाद केंद्र, देहरादून-उत्तराखंड की ओर से ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष द्वितीय तिथि में देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य में 26 मई को सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में सुबह 11 बजे पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन होगा। इसमें प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय शोध समन्वय प्रमुख अजय मित्तल मुख्य वक्ता के तौर पर विचार रखेंगे। संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली की कला सलाहकार व भारतीय दूतावास डॉ. उषा राधाकृष्ण कार्यक्रम की अध्यक्ष होंगी।

विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष सुरेंद्र मित्तल ने बताया कि इन दिनों पत्रकारिता के समक्ष अनेक चुनौतियां, कठिनाइयां एवं समस्याएं हैं। इन सभी का मुकाबला देवर्षि नारद की नीति से किया जा सकता है। भारत में देवर्षि नारद को प्रथम पत्रकार माना गया है। देवर्षि नारद की भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक थाती में आदि पत्रकार के रूप में महती भूमिका है। ऐसे में विश्व संवाद केंद्र की ओर से पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पत्रकारों को पिछले कई वर्षों से सम्मान किया जाता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि देवऋषि नारद मुनि को भगवान विष्णु का परम भक्त माना जाता है। देवर्षि नारद मुनि तीनों लोकों पृथ्वी, आकाश और पाताल में यात्रा कर देवी-देवताओं व असुरों तक संदेश पहुंचाते थे। इन्हें संसार का पहला पत्रकार माना जाता है। उनकी जयंती के अवसर पर ही पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व संवाद केंद्र ने पत्रकारों को सम्मानित करने का बीड़ा उठाया है। कार्यक्रम का शुभारंभ सृष्टि के प्रथम दूत देवर्षि नारद जी एवं भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यदि स्वतंत्रता संग्राम में से पत्रकारिता को निकाल दें तो स्वतंत्रता संग्राम को पूरा नहीं माना जा सकता। आज भी जिस प्रकार विषम परिस्थितियों में पत्रकार अपनी बातें समाज और सरकार के सामने रखने में सफल हो रहे है, वह अकथनीय है। उन्हें सम्मानित करने से गर्व की अनुभूति प्राप्त होगी।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/सत्यवान/रामानुज

   

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