साहित्यकारों ने मनाई कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर की जयंती

अररिया, 29 मई(हि.स.)। फारबिसगंज के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित पीडब्ल्यूडी परिसर में बुधवार को पदमश्री अवार्ड से सम्मानित साहित्यकार कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर की जयंती साहित्यकार मांगन मिश्र मार्तंड की अध्यक्षता में मनाई गई।कार्यक्रम का संचालन मनीष राज ने किया। तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पण के बाद साहित्यकारों में मांगन मिश्र मार्तंड सहित हेमंत यादव,अमिताभ पाण्डे,हरिशंकर झा,हरिनंदन मेहता, सुनील दास एवं विनोद कुमार तिवारी ने कन्हैया लाल मिश्र ''प्रभाकर'' के व्यक्तित्व,कृतित्व और रचना पर विचार व्यक्त किए।

वक्ताओं ने बताया कि 29 मई 1906 को देवबंद (सहारनपुर) में जन्मे कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर ने युवावस्था में ही पढ़ाई छोड़ आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे।स्वतंत्रता संग्राम में कई बार जेल भी गये। विकास,नया जीवन,ज्ञानोदय के सम्पादक रहे। इन्हें 1990 में पद्मश्री सम्मान प्राप्त हुआ था।उनकी कृतियों में जिन्दगी मुस्काई,माटी हो गया सोना, तपती पगडंडियो पर पद- यात्रा, दीप जले शंख बजे आदि प्रमुख है। 09मई -1995 को उनकी मृत्यु हो गई।

मौके पर सीबीएसई दसवीं बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र मयंक कुमार पिता- मनोज कुमार को ''द्विजदेनी प्रतिभा सम्मान'' से सम्मानित किया गया। मौके पर उपस्थित लोगों में शिव नारायण चौधरी,अरविंद ठाकुर,अशोक कुमार यादव, जयकान्त मंडल, पलकधारी मंडल, सीताराम बिहारी आदि थे।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा

   

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