राहुल गांधी पर दिये बयान पर डोटासरा का पलटवार

जयपुर, 2 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर दिये गये वक्तव्य पर पलटवार किया है। डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज केन्द्रीय नेतृत्व से प्राप्त पर्ची पढ़कर साबित कर दिया कि राजस्थान में वास्तविक रूप से पर्ची सरकार चल रही है। नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी ने जो मुद्दे संसद में उठाये वे सभी जनता के मुद्दे थे और जनता की आवाज बनकर देशवासियों का पक्ष तथा पिछले 10 साल के मोदी सरकार के शासन की घटनायें संसद में मोदी सरकार से बनी एनडीए सरकार के समक्ष उठाने का कार्य किया।

डोटासरा मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राहुल गॉंधी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भाजपा तथा आरएसएस हिन्दू समाज के ठेकेदार नहीं है तथा आरएसएस के स्वयं सेवक एवं भाजपा के नेता ही केवल हिन्दू नहीं है, बल्कि देश के करोड़ों लोग हिन्दू समाज के हैं और हिन्दू धर्म को मानते हैं, किन्तु वे भाजपा के नहीं हैं। राहुल गॉंधी ने आरोप लगाया है कि हिन्दू के होने के लिये किसी को भाजपा से प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है तथा हिन्दू कभी हिंसा फैलाने में विश्वास नहीं रखता, हिन्दू अहिंसावादी है तथा निडर है। राहुल गॉंधी ने नौजवानों के हितों से जुड़ी हुई अग्रिवीर योजना तथा मणिपुर में माताओं और बहिनों के साथ हुई दु:खद घटना सहित हर उस मुद्दे को नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से रखा जिसका सरोकार जनता से है।

डोटासरा ने कहा कि जब राहुल गॉंधी जनता की आवाज संसद में अपने वक्तव्य के माध्यम से उठा रहे थे तब गृह मंत्री अमित शाह तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बैचेनी का अनुभव कर रहे थे। भाजपा का हमेशा से एजेण्डा रहा है कि विपक्ष के नेताओं के भाषण काट-छांट कर सोशल मीडिया पर चलाकर झूठे तथ्य फैलायें जायें। राहुल गॉंधी जब अपना वक्तव्य संसद में दे रहे थे उस वक्त देश के गृह मंत्री लोकसभा अध्यक्ष से नियमों की दुहाई देते हुये संरक्षण मांग रहे थे और रात को उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष पर दबाव बनाकर नियमों और प्रक्रियाओं के विरूद्ध जाकर राहुल गॉंधी के वक्तव्य के कई हिस्से एक्सपंज करवा दिये। प्रक्रिया के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष को वक्तव्य के समय अपनी व्यवस्था देनी चाहिये थी कि भाषण का कौनसा हिस्सा नियम विरूद्ध है अथवा संसदीय परम्पराओं के विरूद्ध है, यदि ऐसा होता तो देश की जनता को जानकारी मिलती कि कौनसा हिस्सा असंसदीय है और यह भी सामने आता कि क्या लोकसभा अध्यक्ष ने अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाई है।

उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुये कहा कि लोकसभा चुनावों के परिणाम के बाद से मुख्यमंत्री आहत हैं और अपनी कुर्सी को लेकर बैचेन हैं, किन्तु मुख्यमंत्री को यह समझना चाहिये कि पॉंच साल भाजपा की सरकार चलनी है, लेकिन उन्हें इतना भी बैचेन नहीं होना चाहिये कि दिल्ली से जो पर्ची आये उसमें वह एक शब्द भी अतिरिक्त क्यों नहीं जोड़ पाते। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार में आपसी लड़ाई तथा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की अच्छी योजनायें बंद करने के निर्णय ही दिख रहे हैं लेकिन जनहित का एक कार्य भी नजर नहीं आता है, इस पर कांग्रेस पार्टी भाजपा से विधानसभा में प्रश्र करेगी। शिक्षा मंत्री प्रदेश में किस-किसका डीएनए टेस्ट करवायेंगे और किस-किसके पिता का पता करेंगे, इस बात की जानकारी भाजपा के मुख्यमंत्री से विधानसभा में मांगी जाएगी। अब राहुल गॉंधी के रूप में सदन को नेता प्रतिपक्ष मिला है जिससे भाजपा डरी हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्व में संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग कर विपक्ष की आवाज दबाने का कार्य भाजपा द्वारा किया गया, किन्तु अब राहुल गॉंधी के नेता प्रतिपक्ष बनने के पश्चात् उनके एक दिन के सवालों के जवाब एनडीए की केन्द्र सरकार नहीं दे पा रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के पास हिन्दू समाज का ठेका नहीं है, हम सब हिन्दू हैं और हिन्दू होने पर गौरवान्वित महसूस करते हैं, हमें भाजपा से किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। पिछले 10 वर्ष से जिस प्रकार तानाशाहीपूर्ण सरकार चली और संवैधानिक संस्थाओं की साख खत्म करने का कार्य हुआ उससे पूरा देश उद्वेलित है। जबरन बिना नियम कानून की पालना किये बगैर राहुल गॉंधी के भाषण के अंश हटा दिये गये जो निन्दनीय है। उन्होंने कहा कि मोदी शासन में 70 पेपर आउट हुये और युवाओं के भविष्य के साथ कुठाराघात हुआ, जब राहुल गॉंधी ने इस पर प्रश्र पूछा तो प्रधानमंत्री बगले झांकने लग गये। प्रधानमंत्री ने इसी संसद में हमारी पूर्व सांसद को अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हुये अपमानित किया था, उस वक्त भाजपा के संस्कार कहां गये थे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जनता अब हर गली-चौराहे पर भाजपा से सवालों के जवाब मांगेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

   

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