राजस्थान में एक दशक बाद खुला कांग्रेस का खाता

जयपुर, 4 जून (हि.स.)। राजस्थान में एक दशक बाद कांग्रेस का खाता खुला। कांग्रेस गठबंधन ने राजय की 25 लोकसभा सीटों पर भाजपा की हैट्रिक रोकते हुए 11 पर जीत दर्ज की। राज्य के सरहदी इलाके बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट का परिणाम चौंकाने वाला रहा। यहां से केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी न केवल चुनाव हारे बल्कि तीसरे नंबर पर रहे। बात राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव की करें तो वे भी चुनाव हार गए। वहीं अजमेर लोकसभा सीट से भाजपा के भागीरथ चौधरी ने किशनगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी विकास चौधरी से हार का सामना करना पड़ा था। वे तीसरे नंबर पर रहे थे। अब वे लोकसभा चुनाव जीत गए हैं।

राजस्थान में 2014 में मोदी लहर के कारण प्रदेश में भाजपा का वोट शेयर करीब 20 फीसदी तक बढ़ गया था। भाजपा के लिए राजस्थान के 55.6 फीसदी वोटर्स ने मतदान किया था। वहीं कांग्रेस का वोट शेयर 2009 की तुलना में 17 फीसदी तक गिरकर 30.7 प्रतिशत पर आ गया था। सभी 25 सीटें भाजपा जीत गई थीं।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस, दोनों का वोट शेयर बढ़ा। भाजपा ने 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 58.4 फीसदी वोट हासिल किए थे। वहीं कांग्रेस ने 4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 34.2 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। भाजपा सभी 25 सीटें जीतीं।

साल 2024 में भाजपा का मत प्रतिशत 49.24 और कांग्रेस का 37.91 रहा। वर्ष 2019 के मुकाबले भाजपा को करीब 9.16 प्रतिशत वोट कम मिले। वहीं कांग्रेस वोट शेयर 3.71 प्रतिशत बढ गया। इस तरह भाजपा को 11 सीटों का नुकसान हुआ और कांगेस की आठ सीटें बढ़ गई। तीन सीटें सीपीआईएम, आरएलपी और बीएपी के खाते में गई।

पांच सीटों पर होगा विधानसभा उप-चुनाव

राजस्थान में अब पांच सीटों पर विधानसभा उप-चुनाव होंगे। बांसवाड़ा लोकसभा सीट से भारत आदिवासी पार्टी(बीएपी) के प्रत्याशी राजकुमार रोत चुनाव जीत गए, वे विधानसभा सीट चौरासी से विधायक हैं। नागौर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी(आरएलपी) के हनुमान बेनीवाल चुनाव जीत गए, वे खींवसर से विधायक हैं। टोंक-सवाईमाधोपुर सीट से जीते कांग्रेस के हरीश चंद मीना उनियारा सीट से विधायक हैं। दौसा लोकसभा सीट से जीते कांग्रेस के मुरारीलाल मीणा दौसा सीट से विधायक हैं। झुंझुनूं सीट से जीते कांग्रेस के बृजेंद्र ओला भी झुंझुनूं विधानसभा सीट से विधायक हैं। ऐसे में इन सीटों पर विधानसभा उप-चुनाव होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में 8 सभा और एक रोड शो किया। मोदी ने 2 अप्रैल को कोटपूतली (जयपुर ग्रामीण), 5 अप्रैल को चूरू, 6 अप्रैल को पुष्कर (अजमेर), 11 अप्रैल को करौली, 12 अप्रैल को बाड़मेर, दौसा में रोड शो, 21 अप्रैल को भीनमाल (जालोर), बांसवाड़ा और 23 अप्रैल को उनियारा (टोंक-सवाईमाधोपुर) लोकसभा क्षेत्र में सभा की। इनमें से दौसा, बांसवाड़ा, टोंक-सवाईमाधोपुर, करौली-धौलपुर, बाड़मेर और चूरू में भाजपा हार गयी। वहीं, जालोर, अजमेर और जयपुर ग्रामीण सीट पर भाजपा जीती है। अमित शाह ने 13 अप्रैल को हरसौली (अलवर), 19 अप्रैल को भोपालगढ़ (उदयपुर), 20 अप्रैल को भीलवाड़ा और कोटा में सभा की। 31 मार्च को सीकर, 15 अप्रैल का जयपुर और 19 अप्रैल को उदयपुर में रोड शो किया। सीकर को छोड़कर अन्य सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशी जीते।

राजस्थान में सोनिया गांधी ने जयपुर, राहुल गांधी ने बीकानेर और जोधपुर तथा प्रियंका गांधी ने जयपुर, जालोर और दौसा में सभा की। प्रियंका ने अलवर में रोड शो किया था। दौसा को छोड़कर अन्य सभी सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी हारे है।

ओम बिरला ने तोड़ा चार चुनाव का अनचाहा रिवाज

लोकसभा चुनाव में हर बार कुछ रिकॉर्ड बनते हैं तो कुछ टूटते हैं। ऐसा ही एक रिवाज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लेकर भी चला आ रहा है। साल 1999 के लोकसभा चुनाव के बाद बने लोकसभा अध्यक्षों में से कोई भी अगले टर्म में लोकसभा नहीं पहुंच पाया। इस बार कोटा-बूंदी सीट से सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ये रिवाज तोड़ दी।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर

   

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