पुराविदों और शोधार्थियों ने किया मेवाड़ की प्राचीन राजधानी नागदा का सर्वेक्षण

उदयपुर, 14 जून (हि.स.)। इतिहास संकलन समिति चित्तौड़ प्रांत, प्रताप गौरव शोध केन्द्र और राजस्थान विद्यापीठ के सयुंक्त तत्वावधान में पुरातत्वविदों, इतिहासविदों और शोधार्थियों ने मेवाड़ की प्राचीन राजधानी नागदा का सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण जाम्बुड़िया की नाल से लेकर कैलाशपुरी के दायरे में रहा।

प्रताप गौरव केन्द्र के अंतर्गत संचालित प्रताप गौरव शोध केन्द्र के निदेशक डॉ. विवेक भटनागर ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक डॉ. धर्मवीर शर्मा तथा इतिहास संकलन समिति के राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री छगनलाल बोहरा के निर्देशन में प्रताप गौरव केन्द्र में पुराविदों, इतिहासविदों और शोधार्थियों की बैठक हुई। बैठक में मेवाड़ के पुरास्थलों को नए दृष्टिकोण से देखने पर चर्चा हुई और सबसे पहले इसकी शुरुआत मेवाड़ की प्राचीन राजधानी नागदा क्षेत्र के सर्वेक्षण से करने का निर्णय किया गया। इसके बाद अन्य पुरास्थलों का भी सर्वेक्षण आगामी समय में किए जाने और उसकी रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय किया गया।

इस निर्णय के बाद डॉ. धर्मवीर शर्मा के निर्देशन में जाम्बुड़िया की नाल, रामा गांव, कैलाशपुरी तक के दायरे में पुराविदों, इतिहासविदों व पुरातत्व शोधार्थियों ने आरंभिक सर्वेक्षण किया। इस अवसर पर इतिहास संकलन समिति के जिलाध्यक्ष डाॅ. जीवन सिंह खरकवाल, मंत्री चैन शंकर दशोरा, प्रांत मंत्री मनीष श्रीमाली, प्रांत लेखन प्रमुख सूरज राव आदि उपस्थित रहे।

इस सर्वेक्षण में छठी-सातवीं शताब्दी से लेकर 9वी-दसवीं शताब्दी तक के पुरावशेषों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। इसके बाद शीघ्र ही इस क्षेत्र का वृहद सर्वेक्षण भी करने का निर्णय किया गया है जिसमें राजस्थान विद्यापीठ साहित्य संस्थान सहित देश के अन्य महाविद्यालयों के इतिहासविदों व पुरातत्व शोधार्थियों को भी शामिल किए जाने पर विचार किया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनीता/संदीप

   

सम्बंधित खबर