पूर्व ओलंपियन मनीष का संन्यास, अब युवाओं को कर रहे तैयार

हल्द्वानी, 17 जून (हि.स.)। पूर्व ओलंपियन मनीष रावत ने रविवार को अपने दो शिष्य खिलाड़ियों के पहला पदक जीतने के साथ ही प्रतियोगी खेल स्पर्धाओं से संन्यास लेने की घोषणा की है। गोपेश्वर के मूल निवासी मनीष ने अपने प्रशिक्षक रहे अनूष बिष्ट की राह पर चलते हुए अब कोचिंग की जिम्मेदारी उठा ली है।

हालांकि, अपने तीन शिष्य खिलाड़ियों के पहली राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में टॉप-4 में जगह बनाने के साथ ही सोमवार को मनीष ने खेल से संन्यास की घोषणा कर दी। उनसे प्रशिक्षण लेने वाले दो खिलाड़ी छत्तीसगढ़ में अंडर-18 यूथ नेशनल चैंपियनशिप में रजत और कांस्य पदक जीतने में सफल रहे हैं। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रविवार को अंडर-18 यूथ नेशनल चैंपियनशिप के अंतर्गत पांच हजार मीटर वॉक रेस स्पर्धा में उत्तराखंड के हिमांशु पंवार ने 20.34 मिनट का समय लेकर रजत और तुषार पंवार ने 21.12 मिनट का समय लेकर कांस्य पदक जीता जबकि 21.27 मिनट में दौड़ पूरी करने वाले अंशुल पंवार चौथे स्थान पर रहे।

उत्तराखंड पुलिस में इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत मनीष ने कहा कि उनका पहला लक्ष्य आज पूरा हुआ है। इसलिए अब किसी भी प्रतियोगिता में वह बतौर प्रतिभागी शामिल नहीं होंगे। अब उनका पूरा फोकस युवा खिलाड़ियों को वॉक रेस के लिए तैयार करने में रहेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उनके गुरु पिथौरागढ़ के जिला क्रीड़ा अधिकारी अनूप बिष्ट ने उन्हें वॉक रेस की बारीकियां सिखाईं, अब वह युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें ओलंपिक के लिए तैयार करेंगे।

उल्लेखनीय है कि रियो ओलंपिक में मनीष भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 13वें स्थान पर रहे थे, जो देश के किसी भी वॉकर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसी के आधार पर मनीष को पुलिस विभाग में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी मिला और वह देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजे गए थे।

हिन्दुस्थान समाचार/अनुपम गुप्ता/सत्यवान/दधिबल

   

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