जम्मू और श्रीनगर की संवेदनशील जेलों की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ ९ महीने बाद भी नहीं औपचारिक मंजूरी

अक्तूबर 2023 में बल के 500 कर्मियों ने जम्मू में कोट भलवाल और श्रीनगर केंद्रीय जेल की सुरक्षा का जिम्मा संभाला था
जम्मू। स्टेट समचार
जम्मू-कश्मीर की दो बेहद संवेदनशील जेलों में तैनात सीआईएसएफ की सुरक्षा इकाइयों को उनकी तैनाती के नौ महीने बाद भी औपचारिक मंजूरी नहीं मिली है, जिससे अर्धसैनिक बल के लिए कई रसद और प्रशासनिक मुद्दे पैदा हो गए हैं। आधिकारिक सूत्रों से यह जानकारी सामने आई है। बल ने अक्तूबर 2023 में सीआरपीएफ की जगह आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी पैटर्न पर लगभग 500 कर्मियों की संयुक्त जनशक्ति के साथ कश्मीर में श्रीनगर केंद्रीय जेल और जम्मू में कोट भलवाल जेल की सुरक्षा का जिम्मा संभाला था। यह बदलाव तब हुआ जब यह महसूस किया गया कि परिसर की सुरक्षा और पहुंच-नियंत्रण में पारंगत एक बल को इन दोनों जेलों की सुरक्षा सौंपी जानी चाहिए, जहां कई आतंकवादी और अन्य दुर्दांत अपराधी बंद हैं। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल तैनाती अस्थायी आधार पर की गई थी आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी पैटर्न जनशक्ति की त्वरित तैनाती के लिए एक अस्थायी व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कर्मियों की ऐसी तैनाती को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आधिकारिक मंजूरी द्वारा नियमित किया जाना चाहिए। अस्थायी श्रेणी की तैनाती से कर्मियों के मुद्दों में बहुत सारी समस्याएं पैदा होती हैं जैसे कि सैनिकों को नियमित रूप से आवासीय किराया भत्ता (एचआरए) और संबंधित लाभ नहीं मिलते हैं क्योंकि वित्तीय मंजूरी तदर्थ आधार पर की जाती है। अधिकारियों ने कहा कि सीआईएसएफ इकाई को नियमित मंजूरी से वित्तीय नियोजन और कार्मिक प्रबंधन बेहतर होता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में दो सीआईएसएफ जेल इकाइयों के लिए औपचारिक मंजूरी जल्द ही जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि इकाइयां सभी आवश्यक गैजेट और सुरक्षा उपकरणों के साथ काम कर रही हैं। उत्तर प्रदेश में नवनिर्मित अयोध्या हवाई अड्डे पर तैनात सीआईएसएफ सुरक्षा इकाई को भी इसकी तैनाती के लगभग दो महीने बाद औपचारिक मंजूरी दी गई थी, जबकि संसद भवन परिसर सुरक्षा विंग को भी लोकसभा सचिवालय द्वारा एक नियमित इकाई के रूप में अधिसूचित किया जा रहा है। जम्मू और श्रीनगर दोनों जेलों में करीब 1,400-1,500 कैदी हैं, जिनमें से करीब 900 जम्मू की कोट भलवाल जेल में बंद हैं। एक वरिष्ठ बल अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ऐसी और भी अति संवेदनशील केंद्रीय जेलों की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपने की योजना पर काम कर रही है। 1969 में गठित इस सीआईएसएफ में करीब 1.7 लाख कर्मी हैं और इसका मुख्य काम एयरोस्पेस और परमाणु क्षेत्र में संवेदनशील प्रतिष्ठानों के अलावा वर्तमान में देश के 68 नागरिक हवाई अड्डों की सुरक्षा करना है। हाल ही में इसे सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस की जगह दिल्ली में संसद भवन परिसर की सुरक्षा का काम सौंपा गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में अगले महीने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा हवाई अड्डे की सुरक्षा संभालने के लिए 230 सीआईएसएफ कर्मियों की मंजूरी दी है। इसके अलावा महाराष्ट्र में पुणे हवाई अड्डे के जल्द ही चालू होने वाले नए टर्मिनल के लिए 222 सीआईएसएफ कर्मियों की अतिरिक्त संख्या भी दी गई है।

 

   

सम्बंधित खबर