वन संरक्षण के प्रति जागरुकता लाएगी हरेला पर्व की थीम 'पर्यावरण की रखवाली, घर-घर हरियाली, लाए समृद्धि और खुशहाली'

- धामी सरकार ने वृहद पौधरोपण के लिए रखी थीम

देहरादून, 04 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने हरेला पर्व पर प्रत्येक जनपद में बृहद पौधरोपण किए जाने के लिए इस वर्ष हरेला पर्व की थीम ‘पर्यावरण की रखवाली, घर-घर हरियाली, लाए समृद्धि और खुशहाली’ रखी है।

हरेला पर्व पर आयोजन के लिए जिलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय सभी संबंधित विभागों यथा वन विभाग, कृषि, जलागम, शहरी विकास, आवास, ग्राम्य विकास, उद्योग, पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों की एक आयोजन समिति का गठन किया गया है। समिति में जिलाधिकारी अध्यक्ष, प्रभागीय वनाधिकारी सदस्य सचिव तथा मुख्य विकास अधिकारी, नगर आयुक्त, देहरादून, परियोजना निदेशक, डीआरडीए, जिला विकास अधिकारी, अधीक्षण अभियंता, एमडीडीए, मुख्य कृषि अधिकारी, मुख्य उद्यान अधिकारी, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, जिला पंचायतराज अधिकारी सदस्य बनाए गए हैं।

जनपद स्तरीय समिति की ओर से सार्वजनिक स्थानों जैसे स्थापित हरेला वनों, नदियों के किनारे, क्रिटकल नदी-गाड़ गदेरे, विद्यालय-कालेज परिसरों, विभागीय परिसरों, सिटी पार्क, आवासीय परिसरों (विकास प्राधिकरणों एवं आरडब्ल्यूए के सहयोग से) आदि स्थलों को पौधारोपण के लिए चयनित किया जाना प्रस्तावित है। हरेला पर्व पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विद्यार्थियों, स्थानीय निकायों, संस्थानों, जिला विकास प्राधिकरणों, आरडब्ल्यूए, एनजीओ, वन पंचायतें तथा जनमानस की सहभागिता से बृहद पौधरोपण किया जाएगा।

प्रतिभाग करने वाले गांव व ग्राम पंचायत सदस्य होंगे सम्मानित

जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सभी क्रियान्वयन विभागों के साथ-साथ आर्मी कैंट, आईटीबीपी, एनसीसी, होमगार्ड, पीआरडी, एसएचजी के साथ कंवर्जेंस के माध्यम से कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाना है। जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में बृहद पौधरोपण का शुभारंभ और समापन होगा। कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले ग्रामसभा, ग्राम पंचायत के सदस्यों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जाएगा।

प्रथम तीन दिन 50 प्रतिशत पौधरोपण का लक्ष्य

जनप्रतिनिधियों, विद्यालयी छात्रों, स्थानीय निकायों, संस्थाओं तथा जनमानस की सहभागिता से बृहद पौधरोपण किया जाएगा। इसके लिए जनपद स्तर पर प्रभागीय वनाधिकारी को निःशुल्क पौध वितरण के लिए नोडल अधिकारी नामित किया गया है। निःशुल्क पौध वितरण की अधिकतम सीमा जनपद स्तरीय समिति निर्धारित करेगी। हरेला कार्यक्रम के दौरान संबंधित विभागों द्वारा दो पौध प्रति परिवार के अनुसार पौध उपलब्ध कराने के लिए संबंधित जनपद स्तरीय विभागीय अधिकारी जिम्मेदार होंगे। कार्यक्रम के प्रथम तीन दिन 50 प्रतिशत पौधरोपण किया जाना प्रस्तावित है।

पौधों के रख-रखाव के लिए भी तय की जिम्मेदारी

हरेला पर्व के अंतर्गत मुख्यरूप से फलदार प्रजाति के 50 प्रतिशत एवं चारा प्रजाति के पौधों को रोपित किया जाएगा। इनका रख-रखाव संबंधित विभाग, स्थानीय ग्रामीणों, संबंधित लाभार्थियों, वन पंचायतों, महिला-युवा मंगल दलों के माध्यम से कराया जाएगा। हरेला पर्व के अंतर्गत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का बृहद प्रचार-प्रसार किया जाएगा, ताकि आम जनमानस में वन एंव वन्य जीवों के संरक्षण-संवर्द्धन के लिए जनजागरूकता कर आगामी वर्षों में इस कार्यक्रम को एक स्वप्रेरणा से अभियान के रूप में क्रियान्वयन किया जा सके।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/प्रभात

   

सम्बंधित खबर