जन जन की आस्था का केंद्र हैं अलवर का त्रिपोलिया मंदिरनर्मदा नदी से लाकर त्रिपोलिया में स्थापित किया था शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग

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अलवर, 1 जनवरी (हि.स.)। शहर में अति प्राचीन धरोहर जन-जन की आस्था का केंद्र त्रिपोलिया महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग को नर्मदा नदी से लाकर स्थापित किया गया था। सैंकड़ों भक्त शिवलिंग के दर्शन करने तीनों पहर आते हैं। अलवर का ये प्राचीन मंदिर भले ही छोटी जगह पर है लेकिन इसकी कीर्ति सात समुंदर पार तक है। विदेशों में रहने वाले अलवर के हजारों भक्त भोले बाबा के दर्शन त्रिपोलिया महादेव मंदिर के फेस बुक पेज से जुड़कर रोजाना दर्शन करते हैं ।

मंदिर महंत जितेंद्र खेड़ापति ने बताया कि यह नर्मदेश्वर शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। प्रातः चार बजे से ही भक्तों का आवागमन शुरू हो जाता है, देर रात्रि तक भक्तों की कतार रहती है। उन्होंने बताया कि मंदिर में भगवान शंकर का प्राचीन शिवलिंग है जो की नर्मदेश्वर महादेव है। नर्मदा से लाकर यहां शिवलिंग को स्थापित किया गया था। मंदिर के स्थापना के समय से ही इस मंदिर में अखंड ज्योत प्रज्वलित है, जहां भक्त अपनी मन्नतें मांगते हैं। मन्नतें पूरी होने के उपरांत ज्योति में घी चढ़ाने आते हैं। इस मंदिर परिसर में राम दरबार ,दुर्गा माता, हनुमान जी महाराज व नरसिंह भगवान की प्रतिमा भी स्थापित है।

रोजाना 4 बार होती है आरती

उन्होंने बताया कि भोले बाबा के इस मंदिर में प्रतिदिन चार आरतियां होती हैं । प्रथम आरती प्रातः चार बजे, द्वितीय आरती छह बजे, संध्या आरती साढे छह बजे व शयन आरती रात्रि साढे दस बजे होती है। प्रत्येक सोमवार को दूध अभिषेक किया जाता है, जिसमें हजारों भक्त बाबा का अभिषेक करते हैं। मंदिर में समय-समय पर धार्मिक अनुष्ठान के साथ-साथ व्रत त्योहार पर विशेष उत्सव मनाया जाता है। जिसमें विशेष शिवरात्रि व सावन मास में आने वाले सोमवार को विशेष शृंगार दर्शन झांकियां सजाई जाती हैं।

नाम त्रिपोलिया रास्ते चार

मंदिर के नाम के साथ त्रिपोलिया जुडा है लेकिन इसके परिसर चार दरवाजों से सुशोभित है । जिसमें एक तरफ सराफा बाजार ,एक तरफ बजाजा बाजार ,एक तरफ मुंशी बाजार व एक तरफ मालाखेड़ा बाजार है। आमजन व भक्तजनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर परिसर में जगह का विशेष अभाव रहता है।

भोलेनाथ का जल छिड़क व्यापारी खोलते है दुकानें

मंदिर में भक्तों की भारी आस्था है। महादेव बाबा में श्रद्धा रखने वाला व्यापारी वर्ग प्रतिदिन अपनी दुकान खोलने से पूर्व भगवान शंकर पर चढ़ा हुआ जल गोमुख से लेकर अपनी दुकान में छिड़क कर ही दुकान खोलते हैं । इसके अलावा इसका जल नजर दोष के लिए ले जाते हैं।

हर समय की आरती का है अपना महत्व

उन्होंने बताया कि जीवन में चल रहे संकटों के लिए महादेव बाबा के मंदिर की प्रथम आरती का विशेष महत्व बताया गया है । इसके अलावा व्यापारी वर्ग व शिक्षा में उन्नति के लिए द्वितीय आरती का विशेष महत्व बताया गया है । संध्या आरती में परिवार की सुख शांति व एकता के लिए महत्व बताया गया है तथा शयन आरती में बाबा भोलेनाथ के चरणों में भक्तों की अरदास पूर्ण होती है।

हिन्दुस्थान समाचार/ मनीष/संदीप

   

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