साल के पहले दिन ही अभिषेक बनर्जी को लेकर तृणमूल नेताओं में आपसी तकरार छिड़ी

कोलकाता, 01 जनवरी (हि.स.)। वर्ष 2024 जिस तरह से पूरे देश के लिए खास होने वाला है, उसी तरह से पश्चिम बंगाल के लिए भी बेहद खास है। इस साल की शुरुआत में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को लेकर तकरार छिड़ गई है। खास बात ये है कि एक जनवरी तृणमूल कांग्रेस का स्थापना दिवस भी है। इस मौके पर संबोधन करते हुए पार्टी के राज्य अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने कहा कि अभिषेक पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। मुझे उम्मीद है कि वह लड़ाई के मैदान से पीछे नहीं हटेंगे। अगर वह लड़ेंगे तो ममता बनर्जी को सामने रखकर ही लड़ेंगे। उनके इस बयान को लेकर तकरार छिड़ी है। हालांकि उन्होंने एक तरह से अभिषेक बनर्जी के पक्ष में ही बात की लेकिन पार्टी प्रवक्ता और अभिषेक बनर्जी के खास कहे जाने वाले कुणाल घोष ने इस पर सवाल खड़ा कर दिया है। सोमवार को कुणाल घोष ने कहा कि अभिषेक को लेकर सुब्रत बख्शी का बयान आपत्तिजनक है। उन्हें इस तरह से नहीं बोलना चाहिए। क्या बोलना है, यह सोच समझ कर ही बोला जाना चाहिए।

दरअसल सुब्रत बख्शी ने जो बातें कही हैं उनमें से दो बिंदुओं को लेकर अभिषेक के समर्थक नेताओं को आपत्ति है। पहला बिंदु है कि मुझे उम्मीद है अभिषेक बनर्जी लड़ाई की मैदान से नहीं हटेंगे। यानी यह कहने की कोशिश हो रही है कि अभिषेक राजनीतिक लड़ाई से पीछे हटना चाहते हैं। दूसरा अगर लड़ेंगे तो ममता बनर्जी को सामने रखकर। इसे भी लेकर दावा किया जा रहा है कि शायद इसके जरिए यह कहने की कोशिश हो रही है कि अभिषेक बनर्जी पार्टी में खुद को अधिक अहमियत देना चाहते हैं। इसी को लेकर आपत्ति जताई गई है।

दरअसल पिछले कई दिनों से अभिषेक बनर्जी पार्टी के बड़े कार्यक्रमों में नहीं आ रहे हैं। शनिवार को उनके समर्थक नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने साफ कह दिया है कि वह लोकसभा चुनाव में अपने आप को केवल डायमंड हार्बर तक सीमित रखेंगे। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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