राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र को मिला राजभाषा पुरस्कार

बीकानेर, 2 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी) को भारत सरकार गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग की ओर से राजभाषा में श्रेष्ठ कार्य-निष्पादन के लिए क्षेत्रीय राजभाषा पुरस्कार से नवाजा गया है।

यह पुरस्कार केन्द्र को आई.आई.टी., जोधपुर में आयोजित उत्तर क्षेत्र -1 तथा उत्तर क्षेत्र-2 के ‘संयुक्त् क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार समारोह’ में कलराज मिश्र, राज्यपाल, राजस्थान के कर कमलों से एवं केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा की उपस्थिति में केन्द्र को शील्ड प्रदान की गई।

यहां आयोजित स्नेह मिलन कार्यक्रम में केन्द्र के निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू को यह शील्ड नोडल अधिकारी राजभाषा डॉ.आर.के.सावल द्वारा सौंपी गई। डॉ.साहू ने सभी वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस शील्ड प्राप्ति हेतु बधाई संप्रेषित करते हुए कहा कि राजभाषा ने कहा कि हमारा केन्द्र ‘क’ क्षेत्र में स्थित होने के कारण राजभाषा हिन्दी में कार्य करने हेतु प्रतिबद्ध है और इसी के तहत कार्यालयीन कार्यों में अधिकाधिक राजभाषा हिन्दी का प्रयोग करते हुए इसे बढ़ावा दिया जा रहा है साथ ही यह केन्द्र ऊंटपालकों एवं किसानों को ऊंटों के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी वैज्ञानिक जानकारी राजभाषा पत्रिका ‘करभ’, वार्षिक प्रतिवेदन, लघु पुस्तिकाओं, विस्तार पत्रकों, किसान गोष्ठियों, परिचर्चाओं आदि के माध्यम से हिन्दी में उपलब्ध करवाई जाती है ताकि उनको केन्द्र के अनुसंधानों का अधिकाधिक लाभ मिल सकें। केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी राजभाषा डॉ.राजेश कुमार सावल ने कहा कि राजभाषा विभाग द्वारा राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र को ‘क’ क्षेत्र में कार्यालय का (50 से अधिक स्टाफ संख्या वाले ) की श्रेणी में तृतीय पुरस्कार एवं एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया जो कि केन्द्र के लिए एक गौरव का विषय है तथा इससे अधिकाधिक राजभाषा हिन्दी में कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर

   

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