सुशासन का सुर्योदय लाने में प्रशासन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है : अनुराग पाण्डेय

बीजापुर, 06 जनवरी (हि.स.)। नवपदस्थ कलेक्टर अनुराग पाण्डेय ने कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात जिले के सभागार में अधिकारियों की पहली बैठक लेकर प्रशासन के कार्यों में पारदर्शिता और सुशासन लाने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि शासन के मंशा के अनुरूप सुशासन का सुर्योदय लाने में प्रशासन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस भूमिका का निर्वहन हमें जिम्मेदारी से पूरा करना है।

शासन प्राथमिकताएं तय करती है और उसका बेहतर क्रियान्वयन जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों को करना होता है इसके लिए हमें गंभीरतापूर्वक कार्य करना है। बैठक में सीईओ जिला पंचायत रवि कुमार साहू, एसडीएम पवन कुमार प्रेमी, डिप्टी कलेक्टर विकास सर्वे, उत्तम पंचारी, दिलीप उईके सहित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

जिला सभागार में आयोजित बैठक में स्वागत और परिचय के पश्चात नवपदस्थ कलेक्टर अनुराग पाण्डेय ने धान खरीदी की समीक्षा की जिसमें जानकारी दी गई की अब तक 12 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव किया गया है। लक्ष्य 11 लाख 38 हजार मीट्रिक टन लक्ष्य जिले में है, जिसे किसानों को टोकन देकर प्रगति में लाया जा रहा है। धान बोनस का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से लाभार्थियों को किया जा चुका है कुछ किसानों के बैंक खाते त्रुटिपूर्ण होने से सुधार की प्रक्रिया जारी है।

कलेक्टर ने कहा कि समय-सीमा में शासन के निर्देशों के अनुरूप धान उठाव की कार्रवाई पूर्ण कर ली जाय तथा किसानों के त्रुटिपूर्ण खाते सुधार कर भुगतान की कार्रवाई पूर्ण की जाये। कोरोना महामारी को लेकर सीएमएचओ अजय रामटेके ने जानकारी दी कि जिले में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। प्रतिदिन आरटीपीसीआर के सैम्पल जांच के लिए भेजे जा रहे है। पॉजिटीव्ह मरीजों के लिए गाईडलाईन अनुरूप कार्रवाई की जा रही है। लीड बैंक मैनेजर ने जिले में बैंकों के संचालन की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि जिले में 39 बैंक संचालित हैं जिनके माध्यम से लाभार्थियों के भुगतान की कार्रवाई की जाती है।

कलेक्टर ने कहा कि बैंक नागरिक सुविधाओं के लिए होती है अत: बैंकिंग सेवाओं का विस्तार अंतिम व्यक्ति तक हो यह सूनिश्चित किया जाये। कलेक्टर ने कहा कि समस्त निर्माण कार्यों एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में नागरिक सूचना पटल होना अनिवार्य है, ताकि जनता और विभाग के बीच पारदर्शिता में स्पष्टता रहे। ग्रीष्मकाल से पूर्व जल आपूर्ति एवं जल संरक्षण की समीक्षा कर उसके बेहतर क्रियान्वयन की रूप रेखा बनाकर पेयजल सुविधा को समय से पूर्व दूरस्थ किया जाये।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे

   

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