राहुल गांधी का नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहला ही भाषण झूठ, निराशा और तथ्यहीन बातों से भरा हुआ-उप मुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर, 2 जुलाई (हि.स.)।उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि लगातार तीसरी बार फेल और बार-बार लॉन्च के बावजूद फेल हो चुके राहुल गांधी का नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहला ही भाषण झूठ, निराशा और तथ्यहीन बातों से भरा हुआ था। इतना ही नहीं, उनका अपने भाषण के दौरान आचरण भी संसदीय गरिमा के अनुरूप बिलकुल भी नहीं था।आज मंगलवार को भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि लोक सभा में चर्चा राष्ट्रपति के अभिभाषण हो रही थी लेकिन राहुल गांधी ने उस बाबत औपचारिकतावश भी एक शब्द नहीं बोला। सदन में राहुल गांधी ने केवल और केवल झूठ बोला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को राहुल गांधी का ज्ञानवर्धन करना चाहिए और समझाना चाहिए कि भारत की संसदीय गरिमा को कम न करें।

पत्रकारों से चर्चा करते हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में न केवल हिंदुओं का घोर अपमान किया, न केवल हिंदुओं को हिंसक, नफरती और झूठा बताया बल्कि अग्निवीर, किसान, अयोध्या, माइक - सब पर झूठ और केवल झूठ बोला। राहुल गांधी को अविलंब हिंदुओं का अपमान करने के लिए और सदन में झूठा बयानबाजी करने के लिए देश की जनता से अविलंब माफी मांगनी चाहिए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि राहुल गांधी झूठ बोल कर भाग जाने में माहिर हैं। राहुल जी, आप सदन में झूठ नहीं बोल सकते, आपको अपनी बातों को साबित करना होगा। आप ऐसे हिंदुओं का अपमान नहीं कर सकते।

श्री साव ने कहा कि संसद में राहुल गांधी ने सम्पूर्ण हिंदू समाज को हिंसक और असत्यवादी बताकर, हिंदू समाज का घोर अपमान किया है। इसकी जितनी भी निंदा की जाय, कम है। ये कांग्रेस की पुरानी आदत है। कांग्रेस ने यह भी पहली बार नहीं किया है।99 सीटें जीतने पर ये हिंदुओं को हिंसक, नफरती और झूठा बता रहे हैं, ये बताता है कि इनकी असल मंशा क्या है? सच्चाई सबको पता है कि 1984 में सिखों का नरसंहार किसने किया था। सच्चाई ये है कि आपातकाल में आम लोगों को प्रताड़ित किसने किया था? सच्चाई ये है कि संतों पर गोलियां किसने चलवाई थी?राहुल गाँधी पश्चिम बंगाल में हुई घटनाओं पर कुछ नहीं बोलते, तमिलनाडु में हिज्ब -उत -ताहिर की मंशा पर कुछ नहीं बोलते, केरल में अपने सहयोगी की हिंसा भड़काने की तहरीरों पर कुछ नहीं बोलते लेकिन हिंदुओं को हर बार बदनाम करते हैं।

उन्होंने जानकारी दी कि 2010 में तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने हिंदुओं को आतंकवादी कहा था। 2013 में पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी हिंदुओं को आतंकवादी बताया था। 2021 में राहुल गांधी ने कहा था कि हिन्दुत्ववादियों को देश से बाहर निकालने को कहा था और आज सम्पूर्ण हिंदुओं को असत्यवादी और हिंसक कहा। राहुल गाँधी ने पहले भी कहा था कि मंदिर जाने वाले लड़कियों को छेड़ते हैं।राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष के पद की गरिमा को नीचा और कमजोर करने का काम किया है। समूचा देश राहुल गांधी के इस बयान से दुखी है और इस बयान की जितनी निंदा की जाए वह कम है।हिंदुओं को हिंसक और असत्यवादी बताना, संसद की बहस के दौरान ईश्वर के चित्रों को सामने रखना और राजनीति को इससे जोड़ना एक नेता प्रतिपक्ष को शोभा नहीं देता।

20 जनवरी 2013 को यूपीए सरकार में तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने जयपुर में यह कहा था कि भाजपा और आरएसएस की तरफ से हिंसक गतिविधियां और ट्रेनिंग कैम्प चलाए जा रहे हैं। जब सदन पटल पर उनसे इस विषय पर सवाल पूछा गया, तो 20 फरवरी 2013 को सुशील कुमार शिंदे ने खेद व्यक्त किया था। राहुल गांधी को सुशील कुमार शिंदे से सीख लेते हुए खेद व्यक्त करना चाहिए।कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष, जो इस समय पीडब्लूडी मंत्री है, सतीश जारकीहोली भी हिंदू शब्द को गंदा बोल चुके हैं। इनकी भारत जोड़ो यात्रा में जॉर्ज पोन्नैया ने कहा था कि भारत की धरती को इतना अपवित्र मानता हूँ कि मैं जूते पहनता हूँ ताकि इसका स्पर्श न हो जाए। इनके गठबंधन के लोगों ने ही हिंदू धर्म के नाश और उसकी तुलना कोरोना वायरस के साथ की थी।

सदन में भगवान् शंकर, गुरु नानक देव के चित्र दिखाना गलत, अभय मुद्रा पर भी गलत बातें की।राहुल गांधी ने कहा कि अग्निवीर योजना में शहीदों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाता, मगर इससे बड़ा झूठ हो नहीं सकता है। माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने तुरंत राहुल गांधी के झूठ को एक्सपोज़ करते हुए कहा कि अग्निवीर योजना में शहीदों को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है।राहुल गांधी ने संवैधानिक पद लोकसभा अध्यक्ष के पद पर भी गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की, जो बहुत ही दुखद है। यह भी पहली बार नहीं हुआ। राहुल गांधी ने प्रेस क्लब में स्वयं अपनी पार्टी की गठबंधन सरकार के पारित ऑर्डिनेन्स की प्रति को फाड़ दिया था।अटल बिहारी वाजपेयी , लाल कृष्ण आडवाणी , जॉर्ज फर्नांडीस और प्रणब मुखर्जी जी से नए सांसद बहुत कुछ सीखते थे लेकिन राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष होते हुए नए सांसदों के पास सीखने के लिए कुछ बचा ही नहीं है।

पत्रकार वार्ता मे प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, सह मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा

   

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